संस्कृति चेतना के आयोजन लगातार होंगे
उदयपुर। बीएन विश्वेविद्यालय के मैदान में चार दिवसीय हिन्दू अध्यात्म सेवा संगम अगली बार और नए आयाम के साथ होगा। इस संगम से जुड़ी संस्थाएं, शख्सियतें, कार्यकर्ताजन संस्कृति चेतना के आयोजन अनवरत जारी रखेंगे। फतहसागर की पाल पर सामूहिक सम्पूर्ण वंदेमातरम् गायन भी कई नए आयाम और अधिक व्यवस्थाओं के साथ होगा, ताकि ज्यादा से ज्यादा मेवाड़वासी इसमें सहभागिता कर सकें।
यह बात संगम के उदयपुर में रचनाकार राष्ट्रीथय स्वयंसेवक संघ के अखिल भारतीय सह सेवा प्रमुख गुणवंत सिंह कोठारी ने यहां संगम के समापन के बाद विद्या निकेतन सेक्टर-4 में आयोजित कार्यकर्ता सम्मेलन में कही। उन्होंने कहा कि अध्यात्म और सेवा का यह संगम थमने जैसा आयोजन नहीं है। इसे निरंतर बहना है। सनातन संस्कृति में सेवा और अध्यात्म साथ-साथ चलते हैं और एक दूसरे के पूरक हैं, क्योंकि सेवा परमोधर्मः का ध्येय सुनते-पढ़ते-बोलते और जीवन में उतारते यह सनातन हिन्दू समाज आदिकाल से चला आ रहा है। मगर, पश्चिमी अंधानुकरण में कहीं यह भावना विलुप्त सी होती जा रही है। समाज में व्याप्त विकृतियां और निराशा के माहौल का भी कहीं न कहीं यही कारण प्रतीत होता है। आज जब विश्वर जीवन मूल्यों की स्थापना और तनावों के समाधान के लिए भारत की ओर देखता है, तब हमारी आध्यात्मिकता एवं सेवा परायणता, मानवमात्र का कल्याण, जीव मात्र का कल्याण, प्रकृति के संरक्षण में ही सभी प्रश्नोंक का उत्तर समाहित हैं। कोठारी ने वंदेमातरम् कार्यक्रम में मेवाड़ की जनता की उल्लासपूर्ण भागीदारी पर भी साधुवाद दिया।
संगम के उदयपुर चैप्टर के अध्यक्ष विरेन्द्र डांगी ने महापौर चन्द्रसिंह कोठारी सहित सम्पूर्ण नगर निगम, बीएन विष्वविद्यालय सहित उन सभी संस्थाओं का आभार प्रदर्शित किया। संगम के सचिव हेमेन्द्र श्रीमाली ने संगम के उपाध्यक्ष पुष्पाठ पारीख, शांतिलाल नागदा, डॉ. प्रदीप कुमावत, अजय गर्ग आदि के सहयोग पर आभार जताया।