महिलाओं को समर्पित राज्य का पहला नाट्य महोत्सव अल्फाज का आगाज
उदयपुर। नाट्यांश सोसायटी ऑफ ड्रामेटिक एंड परफॉर्मिंग आट्र्स एवं पश्चिम क्षेत्र सांस्कृतिक केंद्र के संयुक्त तत्वाधान में चल रहे राष्ट्रीय थियेटर फेस्टिवल के पहले दिन नाटक अस्तित्व का मंचन किया गया। शिल्पग्राम के दर्पण सभागार में हुए नाटक अस्तित्व को देखने शहर भर के नाट्य प्रेमी उमड़े।
निर्देशक अमित श्रीमाली ने बताया कि ये कहानी उन युवतियों को ध्यान में रख कर प्रस्तुत की गई जो हर दिन पुरूष मानसिकता का शिकार हो जाती हैं। निर्देशक द्वारा इस कहानी में बखुबी दर्शाया गया कि कैसे हर लड़की के लिए स्कूटी और लड़कों के लिए मोटर बाइक तय कर दी गई है। कैसे लड़कों के लिए नीला और लड़कियों के लिए गुलाबी रंग तय कर दिया गया है। लड़की के घर आने की समय सीमा तो तय है लेकिन लड़कों को देर रात लड़कियों को परेशान नहीं करने की सीख कभी नहीं दी जाती। इन्हीं कारणों से पल पल अपना आत्मविश्वास खोती युवतियों की पीड़ा को निर्देशक और मंच कलाकार ने जीवंत कर दिया।
एकल मंचित नाटक अस्तित्व के जरिए कलाकार रेखा सिसोदिया द्वारा इन सभी सवालों के जवाब देने का उम्दा प्रयास किया गया। खास बात यह रही कि करीब सवा घंटे चले इस नाटक ने पूरे समय दर्शकों को बांधे रखा। नाटक में पुरूष मानसिकता पर कई कटाक्ष हुए तब बार बार सभागार तालियों की गड़गड़ाहट से गूंज उठा।
अल्फाज के पहले दिन नाटक अस्तित्व के मंचन से पूर्व दो लघु नाटकों का मंचन किया गया। तो वहीं इससे पूर्व संयोजक अब्दुल मुबीन खान ने बताया कि किन्ही कारणों के चलते पूर्व निर्धारित नाटक लश्कर चैक का मंचन नहीं हो पाया। लघु नाटकों मेें आज की पांचाली और बूढ़ी काकी का मंचन किया गया। यह दोनों नाटक लघु नाट्य प्रतियोगिता में क्रमशः प्रथम और द्वितीय स्थान पर रहे। विजेताओं को पारितोषिक वितरण किया गया।
आज देखिए पश्चिम बंगाल के कलाकारों का नाटक तोमार डाके : अल्फाज के दूसरे दिन शनिवार को दर्पण सभागार में शहरवासियों के लिए पश्चिम बंगाल के कलाकरों द्वारा नाटक तोमार डाके का मंचन किया जाएगा। यह नाटक मलाला युसुफजाई के आदर्शों पर आधारित है।