मार्च 2017 तक 15 मेगावाट एवं सितम्बर 2017 तक 100 मेगावाट की स्थापना
प्रधान कार्यालय वर्तमान में सौर ऊर्जा से संचालित
उदयपुर। भारत में अक्षय ऊर्जा के विस्तार के लिए सौर ऊर्जा से 100 गीगावॉट बिजली का उत्पादन करने का लक्ष्य है। हिन्दुस्तान जिंक ने 630 करोड़ रुपये के निवेश से 115 मेगावाट सौर ऊर्जा परियोजना की स्थापना के लिए कार्य प्रारंभ कर दिया है।
हिन्दुस्तान जिंक सौर ऊर्जा परियोजना विस्तार के तहत जनवरी 2016 में प्रधान कार्यालय, उदयपुर एवं चन्देरिया लेड-जिंक स्मेल्टर, चित्तौड़गढ़ प्रत्येक में 100 किलोवाट क्षमता के सौर ऊर्जा संयंत्र स्थापित कर चुका है। कंपनी राजस्थान राज्य के अन्य भागों में भी सौर ऊर्जा परियोजनाओं को विकसित करने के लिए तत्पर है।
हिन्दुस्तान जिंक के मुख्य कार्यकारी अधिकारी सुनील दुग्गल ने बताया कि हिन्दुस्तान जिंक पहले चरण में 80 करोड़ रुपये के निवेश से 15 मेगावाट सौर ऊर्जा परियोजना की स्थापना करेगा जो मार्च 2017 तक कार्यरत हो जाएगी। दूसरे चरण में 550 करोड़ रुपये की लागत से 100 मेगावाट सौर ऊर्जा परियोजना स्थापित की जाएगी जो सितम्बर 2017 तक कार्यरत हो जाएगी। 1 मेगावाट सौर ऊर्जा संयंत्र स्थापित करने के लिए औसत लागत लगभग 5.50 करोड़ रुपये आती है।
दुग्गल ने बताया कि सौर ऊर्जा का उत्पादन केवल कैप्टिव पावर के लिए उपयोग किया जाएगा। 15 मेगावाट में से 10 मेगावाट सौर ऊर्जा परियोजना जिंक स्मेल्टर देबारी में तथा शेष 5 मेगावाट सौर ऊर्जा संयंत्र की स्थापना राजपुरा-दरीबा खान में स्थापित की जाएगी। राजसंमद जिला ऐसा जिला होगा जहां हिन्दुस्तान जिंक की ईकाई राजपुरा-दरीबा खान में 5 मेगावाट सौर ऊर्जा संयंत्र की स्थापना होगी। सौर ऊर्जा की 10 मेगावाट की परियोजना भी उदयपुर जिले की सबसे बड़ी परियोजना होगी।
हिन्दुस्तान जिंक हरित ऊर्जा को बढ़ावा देने के लिए गुजरात, कर्नाटक, राजस्थान, तमिलनाडु तथा महाराष्ट्र में स्थित फार्मों में 274 मेगावाट पवन ऊर्जा का उत्पादन कर रहा है। साथ ही हिन्दुस्तान जिंक 474 मेगावाट थर्मल पावर का भी उत्पादन कर रहा है।