फोरगेट द सेकण्ड वल्र्ड स्टोरी सेमीनार
उदयपुर। महिलाएं अबला नहीं अपितु जीवनदाता है। जिन्दगी जीने का पाठ वे ही पढ़ाती है। महिलाओं को नारी समझकर सम्मान देना जरूरी है और साथ ही उन्हें जीवन में दूसरे स्थान पर नहीं बल्कि प्रथम स्थान पर समझा जाना चाहिए।
ऐसी कुछ जानकारी यहां राजस्थान कृषि महाविद्यालय के ऑडिटोरियम में शनिवार को वक्ताओं ने दी। विश्व मानवाधिकार दिवस के उपलक्ष में आयोजित सेमीनार फोरगेट द सेकण्ड वल्र्ड स्टोरी में वक्ताओं ने महिलाओं के अधिकार एवं कत्र्तव्य पर मुख्य वक्ता सेवानिवृत्त आईएएस अधिकारी केएस मनी ने कहा कि जब हम बेटी बचाओ, बेटी पढ़ाओ अथवा कन्या भ्रूण हत्या रोकने जैसे कार्य करते है तो हमारा यह दायित्व बनता है कि हम महिलाओं को आजीवन सम्मान प्रदान करें। उन्होंने बताया कि अन्य देशों के मुकाबले भारत में महिला उत्पीडऩ के मामले ज्यादा होते हैं। इसका एक कारण यह भी है कि महिलाएं उनके ऊपर होने वाले अत्याचारों को चुपचाप सहन नहीं कर के उनका खुलकर मुकाबला करने लगी है। उन्होंने महिलाओं की शिक्षा, विवाह एवं अन्य कत्र्तव्यों पर अपने विचार रखे। सेमीनार में टीवी पत्रकार हर्षा सिंह ने राजस्थान की परंपरा एवं पूर्वकाल में चली सती प्रथा पर बेबाक उद्बोधन दिया। प्रो. राजेश्वरी नरेन्द्रन ने महिलाओं द्वारा खान-पान, फैशन एवं विभिन्न सरकारी एवं गैर सरकारी संस्थानों में उनके विशिष्ट कार्यों की जानकारी दी। सेमीनार में रूना मैत्रा ने महिलाओं के विकास में सामाजिक संस्थाओं के योगदान एवं कर्तव्य की जानकारी दी। धन्यवाद पूर्वा भाटिया ने दिया।