सुविवि में सार्क देशों की अन्तारराष्ट्रीय सेमीनार शुरू
उदयपुर। मोहनलाल सुखाड़िया विश्वविद्यालय के प्राणी विज्ञान विभाग के तत्वा वधान में विवेकानंद सभागार में हितैषी एवम् समाजोभिमुख न्यायसंगत अर्थकरण : 21वीं सदी मेँ सतत् विकास एवं चुनौतियां विषयक अंतरराष्ट्री य संगोष्ठी सोमवार को शुरु हुई। संगोष्ठीष में सार्क देशो के सौ से अधिक प्रतिनिधि भाग ले रहे हैं।
उद्घाटन सत्र की अध्यक्षता कुलपति प्रो जेपी शर्मा ने की। मुख्य अतिथि वीएम काटोच विशिष्टी अतिथि कृषि विवि के कुलपति प्रो उमाशंकर शर्मा व माध्यीमिक शिक्षा बोर्ड राजस्थाुन के अध्यिक्ष डॉ. बीएल चौधरी थे।
आयोजन सचिव डॉ. आरती प्रसाद ने अंतरराष्ट्रीाय संगोष्ठीष की संकल्पना बताते हुए अपील की कि प्राकृतिक संसाधनों का उतना ही दोहन करें, जितनी हमें जरूरत है। सुखाड़िया विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. जेपी शर्मा ने भगवान का उदाहरण देते हुए पंचमहाभूत का विवरण दिया। उन्हों ने पर्यावरण और वनस्प ति के सम्बएन्धा को आत्माद और शरीर से जोडते हुए नए रसरे से इस विषय पर शोध ओर विमर्श पर बल दिया।
पूर्व डायरेक्टर जनरल भारतीय आयुर्विज्ञान अनुसन्धान परिषद् एवम् स्वास्थ्य सचिव नई दिल्ली डॉ. वीएम् काटोच ने कहा कि आर्थिक उन्नति के लिए पर्यावरण के साथ समझौता नही होना चाहिये तथा विकास सभी लोगो तक पहुंचना चाहिए ।पर्यावरण के लिए सतत आर्थिक विकास मिलना चाहिए।
कीर्ति कॉलेज मुम्बई के प्रिंसिपल प्रो वीएम मांगरे ने डेक्कन एजुकेशन सोसाइटी के इतिहास को उजागर करते हुए लोकमान्य तिलक एवम् गोपाल कृष्ण आगरकर का स्मरण किया उन्होंोने कहा कि आज के युग में शिक्षा क्षेत्र में सहयोग और सहकारिता की जरूरत है। इससे दो शिक्षण संस्थायन परस्पर सहयोग से विकास के मुद्दों पर कुछ ठोस कार्य कर सकेंगे। माध्यामिक शिक्षा बोर्ड राजस्थाथन के अध्य क्ष डॉ बीएल चौधरी ने कहा कि प्रकृति का संरक्षण हमारा नैतिक दायित्व है। इषा उपनिषद के श्लोक का वर्णन करते हुए उन्होंदने कहा कि संपूर्ण प्रकृति मेँ ईश्वर का निवास है। हम सबको उनका उपयोग त्याग के साथ करना है।
कृषि विवि के कुलपति प्रो उमा शंकर शर्मा ने सतत पोषणीय विकास पर जोर दिया। उन्हों ने कहा कि पंजाब हरियाणा में रासायनिक उर्वरको के अत्यधिक उपयोग से कैंसर जैसी गंभीर बीमारिया उत्पन्न हो रही है । उन्हों ने आर्गेनिक खेती पर जोर दिया तथा कहा कि विश्व के 117 देशो ने आर्गेनिक खेती अपना रखी है । साइंस कॉलेज के डीन प्रो.बी.एल.आहूजा ने नविनिकरणीय ऊर्जा पर जोर दिया एवम् सार्क देशो में इसकी भविष्य में इसकी उज्जवल संभावनाओ के बारे में बताया। सुखाड़िया विश्वविद्यालय के प्राणी शास्त्र विभाग एवम् अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान जोधपुर के सामुदायिक चिकित्सा विभाग के बीच एक एमओयू पर हस्ताक्षर हुए जिसमे एक स्नाकोत्तर डिप्लोमा कोर्स मेडिकल कीट विज्ञान में शुरू करने पर सहमति बनी। इसमे अगले सत्र से 20 छात्रो को प्रवेश दिया जायेगा। जिसके तहत विभिन्न रोगों डेंगू मलेरिया आदि के ऊपर विस्तृत अध्ययन किया जायेगा। यह डिग्री विश्व स्वास्थ्य संगठन से मान्यता प्राप्त है।
उद्घाटन के बाद विभिन्न् तकनीकी सत्रों का आयोजन हुआ जिसमें मलेरिया, चिकनयगुनिया, रोटा तथा जिका वाइरस के प्रसार ओर उसकी रोकथाम को लेकर शोध पत्र प्रस्तु त किए गए। मंगलवार को दूसरे दिन सुबह नेपाल, भूटान तथा बांगलादेश के वैज्ञानिक शोध पत्र पढेंगे।