उदयपुर। विश्व महिला दिवस पर बुधवार को शहर में विविध आयोजन हुए। निजी संस्थानों में महिलाओं का सम्मान किया गया तो कहीं सांस्कृतिक प्रस्तुतियां दी गईं।
नारी के विभिन्न रूपों का प्रदर्शन
ऐश्वर्या कॉलेज ऑफ एजुकेशन संस्थान में अन्तर्राष्ट्रीय महिला दिवस का आयोजन किया गया। जिसमें समाज में नारी के विभिन्न रूपों को नृत्य एवं अभिनय एवं सांस्कृतिक प्रस्तुतियों के माध्यम से चित्रित किया गया। विद्यार्थियों ने विश्व के विभिन्न प्रांत एवं कार्य शैली में नारी चित्रण को भी अभिनीत किया। मुख्य अतिथि प्रतिष्ठित रंगमंच निर्देशक अरमोहिन्दर पुरी थे। नितेश मनोति ने बालिका पर आधारित नृत्य की प्रस्तुति दी वहीं सृष्टि नागदा ने विभिन्न क्षेत्रों में महिलाओं की भूमिका, प्राचीन समय में महिलाओं की स्थिति एवं वर्तमान समय में उनकी स्थिति एवं विभिन्न क्षेत्रों में उनके योगदान पर विस्तृत चर्चा की। सोनम नाटा ने अपने पावर पॉइन्ट प्रजेन्टेशन में भारतीय आधुनिक महिलाओं के योगदान को दिखाया। इस अवसर पर चिराग सोनी ने कविता की प्रस्तुति दी। कार्यक्रम के अंत में विजयी रही छात्राओं की घोषणा अतिथि द्वारा की गई।
37 महिला शिक्षकों का सम्मान : जहां महिलाओें का सम्मान किया जाता है, वहां ईश्वर निवास करते हैं। आज आधी आबादी महिलाओं की है फिर भी आज हमें महिला दिवस मनाना पड़ रहा है। महिलाएं हर क्षेत्र में पुरूषों से आगे निकल गई हैं इसलिए आज में हमें अपने समाज एवं नजरिये में परिवर्तन जाना होगा। ये विचार बुधवार को जनार्दन राय नागर राजस्थान विद्यापीठ विश्वविद्यालय, एमडीएस विवि, यूजीसी एवं मानव संसाधन विकास मंत्रालय के संयुक्त तत्वावधान में प्रतापनगर स्थित कम्प्यूटर एंड आईटी विभाग के सभागार में आयोजित व्याख्यानमाला में अध्यक्षीय उद्बोधन में कुलपति प्रो. एस.एस. सारंगदेवोत ने कही। कुलपति प्रो. एस.एस. सारंगदेवोत, राजसमंद के पुलिस अधीक्षक डॉ. विष्णुकांत ने विभिन्न क्षेत्रों में कार्य करने वाली 37 महिला शिक्षकों को माला, उपरणा, स्मृति चिन्ह एवं शॉल ओढ़ाकर सम्मानित किया। संचालन प्रो. प्रदीप पंजाबी ने किया जबकि धन्यवाद डॉ. युवराज सिंह राठौड़ ने किया। समारोह में डॉ. हेमेन्द्र चौधरी, डॉ. पंकज रावल, डॉ. पारस जैन, डॉ. हीना खान उपस्थित थे।