महावीर जयंती के कार्यक्रमों का आगाज
उदयपुर। सकल जैन समाज की प्रतिनिधि संस्था महावीर जैन परिषद के बैनर तले महावीर जयंती के उपलक्ष्य में कार्यक्रमों का आगाज शुक्रवार को सुखाड़िया विश्वविद्यालय ऑडिटोरियम में विराट राष्ट्रीय कवि सम्मेलन हुआ। कवि सम्मेलन में भगवान महावीर के साथ यूपी चुनाव की भी छाप रही।
जैन इंटरनेशनल ट्रेड ऑर्गेनाइजेशन के तत्वावधान में वंडर सीमेंट द्वारा प्रायोजित यूनियन बैंक ऑफ इंडिया एवं जस्टा ग्रुप ऑफ होटेल्स एवं रिसॉर्ट्स के सहयोग से आयोजित इस कवि सम्मेलन का शुभारंभ दिल्ली से आई कवयित्री पद्मिनी शर्मा की सरस्वती वंदना सरस्वती वंदे शारदे…. से हुआ। सूत्रधार की भूमिका ऋषभदेव के बलवंत बल्लू ने निभाई। कार्यक्रम के मुख्य अतिथि यूनियन बैंक ऑफ इंडिया के क्षेत्रीय महाप्रबंधक आलोक व विशिष्ट अतिथि अक्षय जैन थे।
कानपुर से आए डॉ. सुरेश अवस्थी ने सूरज तो केवल दिन में चमके और रात को छिप जाता है। जो सदियों को रोशन कर दे, वो महावीर कहलाता है सुनाई। आजादी के अर्थ हमें कुछ इतने भा गए, भामाशाह से चले थे विजय माल्या तक आ गए, सुनाकर सभी को सोचने पर मजबूर कर दिया।
दिल्ली से आए अनिल अग्रवंशी ने यूपी में इतनी सीटें भैया कैसे आ गई ट्रिपल तलाक वाली बात सबको भा गई, घर में था एक सलीम रेशमा थी कई कई, बुरके को ओढ़े फूल का बटन दबा गई सुनाकर सबको खूब आनंद दिया। हंसना-हंसाना आदत है मेरी, अपना बनाना आदत है मेरी, लोग मुंह फेर के चल देते हैं, आवाज देके बुलाना आदत है मेरी सुनाकर युवाओं को आल्हादित कर दिया।
दिल्ली से आई कवयित्री पद्मिनी शर्मा ने प्यारा मुझे बहुत था, मगर छोड़ के आई, हंसते हुए नगर का बचपन मगर छोड़ के आई, बस एक इल्तजा है दिल मेरा न दुखाना, तेरे लिए मां-बाप का घर छोड़ के आई सुनाई। युवाओं के दिलों को टटोलती गम की घटा को आंख का काजल बना लिया, यादों को यूं समेटा कि आंचल बना दिया, जीने का कोई और तरीका न रहा तो खुद को तुम्हारे प्यार में पागल बना लिया सुनाई।
गफ्फार ने नवकार महामंत्र की महिमा बताते हुए कहा कि कई मंत्र सुन खिल जाती है ये जनता रानी राजा है लेकनि इस सारे मंत्रों का नमोकार महाराजा है, जो चौबीसों तीर्थंकर को नित उठ शीश झुकाता है, सिर्फ वही जन इस धरती पर सच्चा जन कहाता है। इस पर समूचा हॉल तालियों की गड़गड़ाहट से गूंज उठा। उन्होंने संजय लीला भंसाली द्वारा रानी पद्मावती के चरित्र हनन पर कहा कि तूने रानी पद्मावती का बल चरित्र बतलाया क्यों, शीला, मंगला, महासती के चरित्र पर काज लगाया क्यों, क्यों राजपूत शैली का गीदड़ से मेल दिखाया था, क्षमा नहीं मांगी तो तेरा वंश मिटा देंगे, तुझको खिलजी समझ तुम्हारा वंश मिटाकर रख देंगे सुनाई। अहिंसक वातावरण में भगवान महावीर पर उन्होंने कहा कि वैसे तो सब धर्मों ने गो हत्या का प्रतिरोध किया, मगर जैन साधु-संतों ने जमकर विरोध किया, महावीर का सुंदर सपना उचटने नहीं देंगे, शीश भले कट जाए लेकिन गाय नहीं कटने देंगे सुनाकर सबका दिल जीत लिया।
मधुबनी (बिहार) से आए शंभू शिखर ने यूपी में कबाबबंदी और बिहार में शराबबंदी पर चुटकी लेते हुए ढलता नहीं कभी जो वो शबाब तुम्हें दे, तुम आव-ताव दो तो महताब तुम्हें दे, यूपी के कान में ये कहा बिहार ने, तुम दो शराब हम को, हम शराब तुम्हें दें सुनाकर सभी का मनोरंजन किया।
उज्जैन से आए राहुल शर्मा ने यूपी चुनाव पर कहा कि वंशवाद का नाश हुआ तब जाकर यह दिन आया है, बड़े दिनों के बाद अवध में केसरिया लहराया है, यह चुनाव ही इकलौता सारे चुनाव पर भारी था, पहली बार कमल भारत में पंजे का आभारी था सुनाकर मस्त कर दिया।
शाजापुर से आए पंकज पलाश ने जन्म देते ही मां बच्चे में यह धन छोड़ देती है वो उसकी धड़कनों में अपनी धड़कन छोड़ देती है, वो एक बच्चा मेरे मुल्क की तस्वीर है सच्ची बिना कपड़ों के जो माह-ए-दिसम्बर काट देता है सुनाकर इस युग के बच्चों के सामने सवाल छोड़ दिया। वर्तमान व्यवस्थाओं पर कटाक्ष करती उस अफसर की इमारत इसलिए होती गई उंची, वो जब नक्शा बनाता है तो कुछ घर काट देता है सुनाई।
नाथद्वारा के लोकेश महाकाली ने संयम, शासन, त्याग, वैराग्य, विधान अधिष्ठाता थे महावीर, पापों से ग्रस्त मानवता को पुण्योपदेश के दाता थे महावीर, कष्टों के कारण और निवारण के विरले ज्ञाता थे महावीर, प्रेम सुधा पा हुई वसुधा धन्य, वाकई विधाता थे महावीर सुनाकर माहौल को पूरा महावीरमय कर दिया।
परिषद के मुख्य संयोजक एवं जीतो चैप्टर उदयपुर के चीफ सेक्रेटरी राजकुमार फत्तावत ने महावीर जयंती के दस दिवसीय कार्यक्रमों की जानकारी दी। कवि सम्मेलन का संयोजकीय दायित्व संजय भंडारी एवं डॉ. महावीर चपलोत ने संभाला। इस अवसर पर श्याम नागौरी, दीपक सिंघवी, राजेश मेहता, चन्द्रप्रकाश चोरडिया, सुधीर चित्तौड़ा, सुनील मारू आदि ने सहयोग किया।