उदयपुर। सार्वजनिक प्रन्यास मन्दिर श्री महाकालेश्वर में अमावस्या एव गुरूवार तथा शनि जयन्ति का अचूक मुर्हूत होने पर गौ-माता के गले में रूद्राक्ष, कौड़ी, मोती, घण्टी की गौ माताओं का मालाएं धारण कराई गई एवं इस अवसर पर गौमाता को मोती चूर के लड्डू, केला एवं घास, लापसी खिलाई। शोडषोउपचार से गौ-माता की वैदिक मंत्रोच्चार के साथ पूजा अर्चना की गई।
सार्वजनिक प्रन्यास मंदिर श्रीमहाकालेश्वर के अध्यक्ष तेजसिंह सरूपरिया एवं सचिव एडवोकेट चन्द्रशेखर दाधीच ने बताया कि गुरू राहू की युक्ति से जीवन में आने वाली गृह बांधा के निराकरण के सांयकालीन गौ-पूजन करने पर उनकी सर्व बांधाओं एवं दोष निवारणों से मुक्ति मिलती है यह एक सहज सरल उपाय है। इस अवसर पर गौ-माता की सेवा करने पर विशेष पुण्य लाभ मिलता है एवं परिवार पर आई संकट से मुक्ति मिलती है तथा गौ-माता का आशीर्वाद सदा परिवार पर बना रहता है। दाधीच ने बताया कि नियमित रूप से हर अमावस्या को महाकालेश्वर मन्दिर में सायंकाल गौपूजन का विशेष आयोजन किया जाएगा। जिसमें सभी भक्तों सम्मिलित हो सकते है।
प्रन्यास के सुरेन्द्र मेहता, ओम सोनी, महिला शर्मा, पन्नालाल कटारिया, रमाकान्त अजारिया, पंडित हरिश शर्मा, पंडित महेश दवे, पंडित गौतम चौबीसा, गोपाल लोहार, पुरूषोत्तम जीनगर, विनोद, दिनेश मेहता, डॉ. प्रिया रावल, रवि शंकर नन्दवाना, नागेन्द्र शर्मा, वयम नन्दवाना, शंकर कुमावत, मनजीत कौर, प्रेमलता लोहार, सहित कई भक्तों ने गौ-माता की सेवा कर उसे घास, लड्डू, गौ-माता को मेहन्दी लगाई।