आचार्य महाप्रज्ञ का 98 वां जन्मदिवस समारोह
उदयपुर। शासन श्री मुनि सुखलाल ने कहा कि आचार्य महाप्रज्ञ महान मनीषी थे। अपनी साधना से प्रज्ञा का जागरण किया। युग की समसामयिक समस्याओं का समाधान प्रस्तुत किया। वे गुरुवार को श्री जैन श्वेताम्बर तेरापंथी सभा द्वारा आचार्य महाप्रज्ञ के 98 वें जन्मदिवस पर प्रज्ञा शिखर महाप्रज्ञ विहार में आयोजित समारोह को संबोधित कर रहे थे।
समारोह प्रज्ञा दिवस के रूप में मनाया गया। अध्यक्षता महाराणा प्रताप कृषि विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. उमाशंकर शर्मा ने की। मुख्य अतिथि हिन्दुस्तान जिंक लिमिटेड के पूर्व मुख्य कार्यकारी अधिकारी अखिलेश जोशी थे। विशिष्ट अतिथि नारायण सेवा संस्थान के कैलाशचंद्र अग्रवाल तथा सभाध्यक्ष सूर्यप्रकाश मेहता थे।
शासनश्री मुनि रवीन्द्रकुमार ने कहा कि आचार्य महाप्रज्ञ ने युग को इतने अवदान दिए कि उनकी जितनी प्रशंसा की जाए कम है। हम सबको क्रोध, मान, माया एवं लोभ के अल्पीकरण करने का प्रयास करना चाहिए। मुनि मोहजीतकुमार ने विषय प्रवेश करते हुए कहा कि आचार्य महाप्रज्ञ अलौकिक ज्ञान के धनी थे। उन्होंने प्रेक्षा ध्यान, जीवन विज्ञान जैसी अदभुत पद्धतियाँ समाज को प्रदान की। तपोमूर्ति मुनि पृथ्वीराज ने कहा कि आचार्य महाप्रज्ञ का सिद्धान्त था, रहो बाहर जियो भीतर। हम सभी अपने भावों एवं स्वभाव में परिवर्तन लाएं। हमारे चिन्तन में किसी के प्रति भी अनिष्ट के भाव नही आए। समारोह में मुनि अतुलकुमार, मुनि जयेश कुमार तथा डॉ केएल कोठारी ने गीतिकाओं के माध्यम से भावांजलि प्रस्तुत की। मुनि भव्यकुमारएवं मुनि शान्तिप्रिय भी समारोह में उपस्थित थे।
अध्यक्षता करते हुए कुलपति उमाशंकर शर्मा ने कहा कि आचार्य महाप्रज्ञ की सम्बोधन की अपनी एक विशिष्ट शैली थी। हम सब उनके आदर्शो को आत्मसात करने का प्रयास करें। समारोह को मुख्य अतिथि हिन्दुस्तान जिंक के पूर्व सीईओ अखिलेश जोशी, विशिष्ट अतिथि कैलाश अग्रवाल एवं तेरापंथ सभाध्यक्ष सूर्यप्रकाश मेहता ने भी सम्बोधित किया। समारोह में डीन एसएस राठौड़, जीबीएच अमेरिकन हॉस्पिटल के प्रबंध निदेशक डॉक्टर कीर्ति जैन आदि गणमान्य भी उपस्थित थे। संचालन सभा मंत्री राजेन्द्र बाबेल ने किया। आभार की रस्म सभा उपाध्यक्ष सुबोध दुगड़ ने निभाई! युवक परिषद अध्यक्ष राकेश नाहर ने सूचनाएं दीं। समारोह में अणुव्रत समिति के नवमनोनीत अध्यक्ष अरुण कोठारी को शपथ दिलाई गई।