दर्शनों से निहाल हुए शिवभक्त
उदयपुर। वन्दे देव मूमापतिम के भव्य उद्घोष एवं ओम नमः शिवाय के सतत् जाप के साथ भगवान आशुतोष अवढर दानी आज दूसरे श्रावणी सोमवार पर अनोखी छटा न्योछावर करते हुए अभिजित वेला में यहां रानी रोेड़ स्थित महाकालेश्वर मंदिर से वनभ्रमण को निकले।
हजारों हजार शिवभक्त महाकालेश्वर की एक झलक को आतुर दिखे वही नक्षत्र वाटिका में भोलेनाथ ने जब श्रावण का झूला झूला तो संपूर्ण वाटिका परिसर शिवमय हो गया। सार्वजनिक प्रन्यास मंदिर महाकालेश्वर के सचिव एडवोकेट चन्दशेखर दाधीच ने बताया कि रानी रोड़ स्थित श्री महाकालेश्वर महादेव मंदिर में सावन के द्वितीय सोमवार पर भव्य एवं पारंपरिक धार्मिक अनुष्ठान आयोजित हुए। सूर्याेदय पूर्व से ही शिवभक्त जल चढ़ाने पहुंचने लगे। भोले के सैकड़ों भक्तों ने प्रातः 10 बजे तक महाकालेश्वर को जल अर्पण किया एवं शिव स्तुतियां की। बाद में सावन महोत्सव समिति के तत्वाधान में वैदिक मंत्रोचार के साथ महाकालेश्वर को सहस्त्रधारा जलाभिषेक व पंचामृत तथा विभिन्न पवित्र नदियों से मंगवाए गए जल से अभिषेक किया गया। महाकालेश्वर को भव्य श्रृंगार धराया गया।
बाद में अभिजित वेला में भगवान महाकालेश्वर की भव्य शाही सवारी रजत पालकी व लवाजमें के साथ प्रारंभ हुई। हजारों शिवभक्त ओम नमः शिवाय के जाप के साथ सवारी में सामिल हुए। नक्षत्र वाटिका पहुंचकर श्री महाकालेश्वर भगवान को झूले में विराजित कर झूलाया गया। यहां भव्य महाआरती हुई। बाद में सवारी पुनः मंदिर प्रांगण पहूंची। उक्त जानकारी श्रावण महोत्सव समिति के प्रवक्ता गोपाल लोहार ने दी।
श्रावण महोत्सव समिति के संयोजक पं. महेश दवे एवं आचार्य नीरज आमेटा ने बताया कि आज महादेव नागपाश आकृति पर बिराजित हुए। नागयोग सामान्यतः मानव जीवन में कई विघ्न एवं समस्या को उत्पन्न कर जीव जीवन को समस्या प्रद बना देता है। नाग दोष सामान्यतः कालसर्प दोष के नाम से जाना जाता है काल सर्प मुख्यतः राहु ग्रह के द्वारा हेाता है ओर इस दोष से मानव जीवन उसके विकास की गति अवरोध उत्पन्न कर देता है। इस दोष के होने से पितृदोष, विवाह मे बाधा उत्पन्न होना उन्नति में बाधा उत्पन्न होना, मानसिक अशान्ति और आत्म विश्वास को कमजोर करना अन्य कई बाधाओं को उत्पन्न करता है। आज महाकाल स्वयं काल स्वरूप नागपाश पर विराजित हो समस्त दोषों एवं ग्रहों को राहु से मुक्ति करा भक्तों को अभय एवं संकटों से मुक्ति प्रदान कर जीव जगत को मंगलप्रथा, उज्जवल पथ की ओर प्रशस्तय करते हैं।