उदयपुर। द यूनिवर्सल सीनियर सेकेंडरी स्कूल के नन्हें-मुन्नों ने आज वन भ्रमणके दौरान मौज मस्ती कर प्रकृति को करीब से जानने की कोशिश की।
स्कूल प्राचार्या मोनिका सिंघटवाड़िया ने बताया कि बच्चे फूलों की भाषा बोलते हैं और हवा की फुसफुसाते हुए समझते हैं। वे जंगल के सूक्ष्म गीतों के अनुरूप हैं। वे पेड़ों को सुन सकते हैं, नदियों की गपशप की व्याख्या कर सकते हैं, और सूरज की प्रत्येक चमक का अर्थ जोड़ सकते हैं। उन्हें जिंदगी में जादू की खोज करने के लिए कहा जाने की जरूरत नहीं है। वे इसे देख सकते हैं, महसूस कर सकते हैं, और हर जगह अपनी मिठास का स्वाद ले सकते हैं।