उदयपुर। जीवन में ऐसा कोई क्षेत्र नहीं है जिसमें आज महिलाएं आगे नहीं आ रही है। चाहे उसमें कितना ही संघर्ष ही क्यों न हों, या यों कहें कि संघर्ष ही नारी का दूसरा नाम है तो कोई अतिश्योक्ति नहीं होगी।
मध्यमवर्गीय परिवार की 24 वर्षीय प्रिया सचदेव ने कुछ समय पूर्व बी.एन.गर्ल्स कॉलेज के सामनें सिर्फ महिलाओं को चाय पिलाने के लिये चाय का थेला लगाया। एक महिला और उपर से चाय का थेला सुनकर कुछ अजीब सा लगता है लेकिन प्रिया ने स्नातक की शिक्षा पूरी करने के बाद नौकरी करने की बजाय कारोबार करने की ओर प्रेरित हुई।
सनशाईन ग्रुप एवं एम स्क्वायर प्रोडक्शन हाउस ने प्रिया सचदेव की इस रियल स्टोरी को आमजन तक पंहुचाने के लिये एक डॉक्यूमेन्टी फिल्म का निर्माण करने का निर्णय लिया। सनशाईन ग्रुप की मीरा मण्डल ने बताया कि प्रिया के चाय के कारोबार की सबसे खास बात यह कि इस चाय के थेले पर सिर्फ महिलाओं एवं लड़कियों को ही चाय मिलती है।
सनशाईन ग्रुप के उदित पितलिया ने बताया कि पिछले काफी समय से पारिवारिक जीवन को आगे बढ़ा रही प्रिया पर उस समय कहर बरस गया जब निगम ने उसके थेले को वहां से हटा दिया। अब एक बार फिर उसके सामनें जीवन को चलाने के लिये संघर्ष दिखाई देने लग गया है। एम स्क्वायर के मुकेश माधवानी ने बताया कि चाय वाली नामक फिल्म का टीज़र लॉन्च हो चुका है और शीघ्र ही फिल्म तैयार कर उसे यू-ट्यूब के सनर्शाइन ग्रुप चैनल पर 7 अक्टूबर को लॉन्च किया जाएगा।
बकौल प्रिया वह पूर्व में इवेन्ट का काम करती थी लेकिन वहंा पर काम के प्रति संतुष्टि नहीं मिल पाने के कारण वह कारोबार रास नहीं आया। उस दौरान बार-बार चाय पीना और पिलाना होता था। उसके लिये किसी न किसी को साथ लेकर चाय थेले पर जाना पड़ता था। उसी समय दिमाग में इस कारोबार में आगे बढ़़ने का विचार आया और करीब डेढ़ वर्ष पूर्व चाय का थेले का कारोबार प्रारम्भ किया। प्रिया के पापा का बेकरी पर नौकरी करते है और माता ब्यूटीशियन हैं।