उदयपुर। पेसिफिक विश्वविद्यालय एवं आल इण्डिया मैनेजमेन्ट एसोसिएशन नई दिल्ली (आईमा) के तत्वावधान में उत्तर पश्चिम भारत के विधार्थियों के लिए साइम्युलेटेड मेनेजमेन्ट गेम्स पर कार्यशाला 20-21 सितम्बर को पेसिफिक इंस्टिट्यूट ऑफ मैनेजमेन्ट में हुई।
कार्यशाला में छात्रों को प्रबन्ध कौशल के साथ ही तार्किक क्षमता, एकाउन्टस, व्यापार कौशल आदि को सुदृढ़ करने का अवसर मिला। यह कार्यक्रम राजस्थान के किसी भी महाविद्यालय में आयोजित अखिल भारतीय स्तर का अपनी तरह का एक मात्र आयोजन है जो कि पेसिफिक विश्वविद्यालय द्वारा छात्रों को विश्व स्तरीय शिक्षा तथा अवसर प्रदान करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण आयोजन है। कार्यशाला समन्वयक शिवोहम सिंह ने बताया कि कार्यशाला में चार-चार छात्रों की 20 टीमों ने भाग लिया। कार्यशाला के उद्द्याटन सत्र में पेसिफिक विश्वविद्यालय के प्रेसीडेन्ट प्रो. भगवती प्रकाश शर्मा ने प्रतिभागियों को सम्बोधित करते हुए कहा कि किस प्रकार से छात्र सीमित संसधानों द्वारा भी एक सफल व्यवसाय का समायोजन करें यह सिखाना ही इस कार्यशाला का मुख्य उदे्श्य है। उन्होंने साइम्युलेशन की जीवन प्रबन्धन व व्यवसाय प्रबन्धन में आवश्यकता पर प्रकाश डाला। संकाय की डीन प्रो. महिमा बिरला ने भाग ले रहे विधार्थियों को कार्यशाला की उपयोगिता के बारे में बताया। कार्यशाला का संचालन आईमा के डिप्टी डायेक्टर श्री एससी त्यागी द्वारा किया गया। 20 सितम्बर को सुबह 9 बजे प्रारम्भ हुए प्रथम सत्र से 21 सितम्बर सायं 4 बजे अंतिम सत्र तक सभी टीमों ने पूर्ण उत्साह के साथ इस बौद्विक खेल स्पर्धा में भाग लिया।
प्रबन्ध साइम्युलेशन में प्रत्येक प्रबन्धकीय टीम एक परिकल्पित उपक्रम का प्रतिनिधित्व करती हैं, उन्हें एक परिकल्पित वातावरण में विभिन्न कार्यक्षेत्रों के विभिन्न प्रकार के निर्णय लेने होते हैं। उत्पादन, विपणन, वित्त, एवं मुल्य रीति-नीति सम्बन्धी लिए जाने वाले निर्णय ऑल इण्डिया मैनजमेन्ट एशोसियन के ‘चाणक्य’ नामक विशेष साफ्टवेयर में दर्ज किये जाते है। इसके फलस्वरूप कम्प्युटर सृजित अनेक विकल्प प्रतिभागी टीम के सम्मुख उपस्थित होते है। इन विकल्पों के सम्बन्ध में प्रत्येक टीम को एक वास्तविक उपक्रम की प्रबन्धकीय टीम की तरह एक श्रृंखलाबद्ध क्रम में अनेक निर्णय लेने होते है। इन सभी निर्णयों के आधार पर उस परिकल्पित व्यावसायिक उपक्रम के अन्तिम परिणाम कम्प्युटर साफ्टवेयर द्वारा प्रस्तुत किए जाते हैं।