हिन्दुस्तान जिंक में अनुपम खेर ने साझा किये अपने अनुभव
मैं स्वयं के अनुभवों से प्रेरित हूॅं और आज भी मैं शिमला का बिट्टू होना पसंद करता हूॅं एक्टर अनुपम खेर को कंधे पे उठाएं नहीं घूमता, जड़ो से जुड़ा रहना पसंद करता हूॅं। आप भी अगर जीवन में सफल होना चाहते हैं तो आपको आपकी कमजोरियों से छोटा बनाने वालों से बचना चाहिए ये विचार पद्मभूषण एवं अंतर्राष्ट्रीय अभिनेता अनुपम खेर ने हिन्दुस्तान जिं़क यशद भवन में एन इनसाइट कार्यक्रम में व्यक्त किए।
अपनी जिं़दगी के अनुभवों को अनुपम खेर ने कुछ इस तरह से सजीव प्रस्तुत किया कि देश का नाम रोशन करने वाले इस कलाकार से वहां मौजूद दर्शक अपने आप में सकारात्मक परिवर्तन महसूस किये बिना नही रह सके। श्री खेर ने अपनी जिं़दगी के हर उतार-चढ़ाव को खुले मन से साझा करते हुए बताया कि उनका शुरूआती जीवन अभावों में गुज़रा लेकिन गरीबी कभी भी समस्या नहीं रही, उनके परिवार के हर सदस्य ने मिलजुल कर मुस्कुराते हुए अभावों पर जीत हांसिल की है। उन्होंने कहा कि जीवन साधारण रहे हम उसे असामान्य बनाना चाहते हैं, अपने सपनों को साकार करने के लिए उन्हें देखना ही नहीं वरन् उन्हें पूरा करने के लिए कड़ी मेहनत करने की ज़रूरत है।
अपने अुनभवों को बांटते हुए उन्होंने कहा कि हमें अपनी आकांक्षा और चाहत अपने बच्चों पर थोपनी नहीं चाहिए, उनके परिवार ने कभी उन्हें कुछ भी बनने के लिए बाध्य नहीं किया यहां तक कि उनके पिता ने उनके परीक्षा परीणाम के अपेक्षाअनुरूप नहीं आने लेकिन उसके प्रयास करने पर उसका सेलिब्रेशन किया। उन्होंने कहा कि जीवन असफल नहीं होता कोई एक अवसर असफल हो सकता है जिसे हमें सफलता में बदलने की कोशिश करनी होगी। अनुपम खेर ने कहा कि उन्हांेने जीवन में कभी बोरियत और मूड शब्दों का इस्तेमाल नहीं किया क्योंकि ये नकारात्मकता को जन्म देते है। सुख और दुःख का अवलोकन करना है तो हमेंशा हम नीचे वालों को देखे ताकि खुद से खराब स्थिति वालों की संख्या हमेशा अधिक होगी।
खेर ने कहा कि लोग हमेशा आपको आपकी कमजोरियां गिना कर आपको छोटा बनाने की कोशिश करते है लेकिन यदि आप उसे महसूस ही ना करें तो आपकी कमजोरी आपकी असफलता में कभी बाधा नहीं बनेगी। उन्होंने कहा कि जब उन्हें मुंबई में कड़े संघर्ष के बाद भी काम नही मिल रहा था और सारांश फिल्म में महेश भट्ट द्वारा वीवी प्रधान की भूमिका के लिए चूने जाने के बाद अचानक मना करने पर वें मुंबई छोड़ कर जाने लगे और उन्होंने अपने पिताजी से पत्र के जरियें जब ये बात बतायी तो उनके पिताजी ने उन्हंे प्रेरित करते हुए कहा कि ‘‘भीगा हुआ आदमी बरसात से नहीं डरता‘‘। उन्होंने अपने मन की बात आक्रोश से भट्ट साहब को जा कर सुनायी और यहां तक कह दिया कि यह रोल उनसे अच्छा कोई नहीं कर सकता जिसके बाद इस रोल के लिए उन्हें ही अवसर मिला और वहीं किरदार उनके जीवन का अहम किरदार साबित हुआ जिसके लिए उन्होंने कड़ी मेहनत की थी। जो आज उनके जुनूनी, सहानुभूतिपूर्ण, योद्धा और देशभक्त होने का प्रमाण है।
उन्होंने कहा कि यदि आपको किसी के भी बराबर होना है तो आप उससे कोई अपेक्षा ना करें। आप हर बात साझा करें चाहें वह नाराजगी हो या प्रशंसा ताकि आपकी बात दूसरों तक भी पहुंचे। उन्होंने कहा कि औसत दर्जे का होने में कोई फायदा नहीं है। शख्सियत वहीं है जिसमें आप सहज महसूस करें किसी ओर के द्वारा आपकों ढालने कि कोशिश में आप स्वयं को बिल्कुल भी ना बदलें। दिलवालंे दुल्हनियां ले जाएंगे फिल्म में शाहरूख के पिता का किरदार उन्होनंे अपने पिता से प्रभावित होकर किया जिसमें वें एक दोस्त की तरह बर्ताव करते हैं और यही नहीं उन्होंने इस फिल्म के डायलाॅग में अपने परिवार के सदस्यों के नाम तक हुबहु लिए।
उन्होंने आज की पीढ़ी को मेधावी बताते हुए कहा कि उनका पुत्र उनके अच्छे और सामान्य किरदार को बताते हुए उन्हें अपनी हर बात साझा करता है जो कि वक्त की ज़रूरत है। श्री खेर ने कहा कि किसी भी समस्या से दो बार रूबरू होने से अच्छा है उसका पूर्वाभास कर उसे दूर कर देना।
खेर ने इस कार्यक्रम में ना सिर्फ लोगांे से बात की बल्कि बीच-बीच में उनके करीब जा उनसे सवाल कर सभी को चैंका दिया। प्रश्नोत्तर सत्र में खेर ने अपनी आने वाली फिल्म द एक्सीडेंटल प्राईम मिनिस्टर के बारे में कहा कि मनमोहन सिंह जी का किरदार निभाना अब तक का सबसे चुनौतिपूर्ण रोल है जिसके लिए उन्होंने खूब मेहनत की है। उन्होंने कहा कि हमें अपनी जड़ों से हमेशा जुडा रहना चाहिए क्योंकि वह स्थायी और हमेशा साथ देने वाली है, जीवन रूपी वृक्ष में हमें पत्ते, तने और जड़ों की पहचान आवश्यक है।
कार्यक्रम में हिन्दुस्तान जिं़क के मुख्य कार्यकारी अधिकारी सुनील दुग्गल ने अनुपम खेर के व्यक्तित्व की तहेदिल से प्रशंसा करते हुए उनके अनुभवांे से सभी को प्रेरणा लेने का आव्हान किया। उन्होंने कहा कि ऐसे महान अभिनेता के साझा किये अनुभव हमारे जीवन के लिए प्रेरणादायक है, जिनका मार्गदर्शन हमें इनकी फिल्मों में किरदारों से मिलता रहा है और मिलता रहेगा।
अनुपम खेर, उदयपुर संभाग के मुख्य वन संरक्षक इंद्रपाल सिंह मथारू, खान एवं भूविज्ञान के अतिरिक्त निदेशक मधुसुदन पालीवाल, हिन्दुस्तान जिं़क के मुख्य कार्यकारी अधिकारी सुनील दुग्गल, मुख्य वित्तीय अधिकारी अमिताभ गुप्ता, सीओओ पंकज कुमार सहित वरिष्ठ प्रबंधन ने दीप प्रज्जवलन कर कार्यक्रम का शुभारंभ किया। इस कार्यक्रम का प्रसारण हिन्दुस्तान जिं़क की सभी ईकाइयों में फेसबुक पर लाइव प्रसारित किया गया। इस अवसर पर मुख्यवन संरक्षक राहुल भटनागर, जिला वन संरक्षक हरिणी सहित हिन्दुस्तान जिं़क के कर्मचारी उपस्थित रहे।