राजस्थान एन्डोक्राईन व मधुमेह पर दो दिवसीय राज्य स्तरीय सेमिनार
उदयपुर। एमएमएम एन्डोक्राईन ट्रस्ट द्वारा होटल रमाडा में हारमोन एवं मधुमेह पर दो दिवसीय सेमिनार का आयोजन किया गया। जिसमें देश के विभिन्न मेडिकल संस्थानों एवं अनय स्थानों से 250 से अधिक चिकित्सकों ने भाग लेकर 40 से अधिक विषयों पर अपने विचार रखें।
ट्रस्ट के संस्थापक डा. डीसी शर्मा ने बताया कि सेमिनार में मधुमेह, थायराईड, पिक्यूटरी प्रजनन हारमोन्स मोटापा,चिकनापन आदि के नवीन शोधों पर पर चर्चा हुई। सेमिनार में इस बात पर जोर दिया गया कि हारमोन्स संबंधित रोगों का आमतौर पर शुरू में डायग्नोसिस नहीं हो पाने से जब से रोग पकड़ में आते है तब तक बहुत देर हो चुकी होती है। जब चिकित्सक जब भी कोई जटिल रोग के निदान से जुझ रहा हो तो हारमोन्स संबंधित रोग मस्तिष्क में रखें। समय रहते निदान होने से उपचार बहुत आसान हो जाता है।
पीजीआई चण्डीगड़ से डाॅ. अनिल भसंाली ने बच्चों में जन्मजात प्रजनन अंगों की विकृतियों व इन्टरसेझ के बारें में चर्चा की। कोलकाता के डाॅ. मुखर्जी ने मस्तिष्क पिट्यूरी ग्रन्थि के प्रोलेक्टिनोमा -ट्यूमर पर चर्चा करते हुए कहा कि यहीं एक मात्र ऐसा ट्यूमर है जिसे दवाओं द्वारा नियंत्रित किया जा सकता है। विटामिन डी की कमी के कारण उपजी जटिलताओं एवं निदान पर चर्चा की गई। अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान दिल्ली के डाॅ.राजेश ने बच्चों में ठिगंनापन, व समयापूर्व किशोरावस्था की जटिलताओं को समझाया। बेगलुरू की डाॅ.माला ने अनायास रक्तशुगर की कमी होने व डायबिटीज में प्रयुक्त नई दवाओं के बारें में बताया। ओस्टियोपोरोसिस यानि हड्डियों की कमजोरी व हारमोन द्वारा उपचार की जटिलताओं को रोहतक के डाॅ. राजेश राजपूत ने सरलता से समझाया। इससे पूर्व इन्सुलिन पर कार्यशाला आयोजित की गई। जिसमें सभी एन्डोक्राईनोलोजिस्ट ने भाग लिया। आगन्तुकों का स्वगात एमएमएस एन्डाक्राईन ट्रस्ट के डाॅ. डीसी.शर्मा ने किया।