तेरापंथ भवन में साध्वी गुणमाला का मंगल प्रवेश
उदयपुर। शासन श्री साध्वी गुणमाला ने कहा कि अवसर सभी के दरवाजे पर दस्तक देता है। कोई उसे सुन पाता है कोई नहीं। जिन्होंने इस आवाज को सुन लिया वे आज यहां हैं। अपनी खुशियों के लिए दूसरे पर निर्भर न रहें अन्यथा आगे नही बढ़ पाएंगे।
वे शनिवार को अणुव्रत चैक स्थित तेरापंथ भवन में चातुर्मासिक मंगल प्रवेश पर धर्मसभा को संबोधित कर रही थी। इससे पूर्व भामाशाह मार्ग स्थित भवन से अहिंसा रैली के रूप में साध्वी श्री एवं अन्य का तेरापंथ भवन में प्रवेश हुआ। रैली में पुरुष श्वेत परिधान और महिलाएं केसरिया पारंपरिक वेशभूषा में शामिल हुए। पूरे मार्ग में जय जय ज्योति चरण, जय जय महाश्रमण के नारे लगे।
उन्होंने कहा कि कृतज्ञता बहुत छोटा शब्द है। आचार्य श्री के आदेश के बाद गंगाशहर शक्तिपीठ से शक्ति लेकर उदयपुर के लिए निकले। आचार्य श्री एक पावर हाउस हैं जहां से हमें आगे बढ़ने के लिए प्रेरणा मिल रही है। वे सूर्य हैं और हम सिर्फ एक किरण इसलिए उनके प्रति कृतज्ञता ज्ञापित करना छोटा है। गुरु के शब्दों को समझना जरूरी है। प्रतिक्रमण करें। युवाओं में ताकत है। शक्ति है। हालांकि शहर के सभी परिवारों में जाने का प्रयास किया फिर भी हो सकता है कोई छूट गया हो लेकिन सभी ने यहां आने का वादा किया है।
साध्वी लक्ष्यप्रभा ने कहा कि आचार्य चेन्नई से सकल समाज में प्रेरणा दे रहे हैं। लंबे समय से तैयारी के बाद आज यहां उपस्थित हुए हैं। आज यहां स्वागत की सिर्फ शुरुआत है लेकिन संतोष तो समापन के बाद ही मिलेगा। मॉर्निंग वॉक के साथ थोड़ी दिशा परिवर्तित कर प्रातःकालीन दर्शन अवश्य करें।
साध्वी प्रेक्षाप्रभा ने कहा कि चातुर्मास हमारे आत्मिक वैभव को बढ़ाने का मौका है। आवश्यक रूप से चातुर्मास में आएं। श्रावक श्राविकाएं वैसे ही बहुत अमीर हैं। अमीर पैसे से नहीं बल्कि ज्ञान गंगा से।
साध्वी नव्यप्रभा ने कहा कि कल तक ये भवन आपका था। आज यहां प्रवेश करने के बाद अब हमारा हो गया है। आप मेहमान हो गए हैं और हम मेजबान हैं। उन्होंने मेवाड़ी में अपनी भावना व्यक्त करते हुए चातुर्मास में सपरिवार आने का न्यौता दिया।
श्री जैन श्वेताम्बर तेरापंथी सभा के अध्यक्ष सूर्यप्रकाश मेहता ने कहा कि उदयपुर चातुर्मास साताकारी रहे, स्वास्थ्य अनुकूल रहे। उन्होंने आगामी कार्यक्रमों की जानकारी दी। तेयुप अध्यक्ष विनोद चंडालिया ने पूरी युवक परिषद की ओर से भव्य स्वागत करते हुए मंगलकामना की और सेवा में ततपर रहने का संकल्प जताया।
आरम्भ में अजीत छाजेड़ और बहनों ने मंगलाचरण किया। साध्वी श्री गुणमाला की सांसारिक बहन सुशीला बरडिया ने भी विचार व्यक्त किये। साध्वी प्रेक्षाप्रभा के सांसारिक मामाजी रिछेड निवासी डालचंद, प्रेमलता कच्छारा ने मंगलकामना की। प्रकाश सहलोत, प्रकाश धाकड़ ने गीतिका प्रस्तुत की। सहमंत्री अरुण चव्हाण ने आभार जताया। सभा के मंत्री प्रकाश सुराणा ने संचालन किया।