उदयपुर। श्रमण संघीय आचार्य डाॅ. शिवमुनि ने कहा कि ध्यान एक ऐसी अचूक साधना है जिससे हम अपनी आत्मा की शुद्धि तक कर सकते है।
वे आज महाप्रज्ञ विहार में बाहर से आये श्रावक-श्राविकाओं को संबोधित कर रहे थे। उन्होेंने कहा कि ध्यान से सिद्धी तक प्राप्त कर सकते है। श्री वर्द्धमान स्थानकवासी जैन श्रावक संघ के अध्यक्ष आंेकारसिंह सिरोया ने बताया कि आचार्यश्री के आत्मज्ञान शिविर 29 जुलाई से प्रारम्भ होंगे। जिसके पंजीकरण कर लिये गये है। उन्होेंने सघ के सदस्यों से आव्हान किया कि वे इन शिविरों में अधिकाधिक संख्या में भाग लेकर इसका लाभ उठावें।
संघ के संरक्षक कन्हैयालाल मेहता ने बताया कि भीलवाड़ा,चित्तौड़गढ़ एवं आस-पास के क्षेत्रों से आये 300 से अधिक श्रावकों को प्रातः 6 से साढ़े सात बजे तक ध्यान साधना करायी। श्री शिवाचार्य चातुर्मास आयोजन समिति के विजय सिसोदिया व महेन्द्र तलेसरा ने बताया कि बाहर से आने वाले श्रावकों के ठहरने लिये देवेन्द्र धाम सहित कुछ अन्य स्थानों पर व्यवस्था की गई है। प्रशासनिक समिति के नरेश लोढ़ा ने बताया कि आचार्यश्री डाॅ. शिवमुनि केे नियमित प्रवचन 26 जुलाई से प्रातः पौने नौ बजे से दस बजे तक होंगे।