भारतीय जैन संघटना का महत्वपूर्ण सेमिनार
उदयपुर। बिज़नेस गुरु और विश्व रिकॉर्ड धारक प्रबंध योगी राकेश जैन ‘प्रखर’ ने कहा कि आज के बाजार में कस्टमर बेस महत्वपूर्ण है। टर्नओवर या प्रॉफिट कोई मायने नही रखता। कस्टमर बेस जरूरी हो गया है। फेसबुक आप फ्री में यूज़ करते हैं लेकिन उसका वैल्यूवेशन 231 बिलियन डॉलर हो गया है।
वे शनिवार शाम भारतीय जैन संघटना के तत्वावधान में दीनदयाल उपाध्याय सभागार में आयोजित ‘बनाओ अपनी अलग पहचान’
विषयक सेमिनार को संबोधित कर रहे थे। उन्होंने कहा कि बाहर के लोग यहां आएं, उससे पहले हम ही कर लें। स्टार्ट अप इनोवेटिव तरीके से होता है। ट्रेडिशनल बिज़नेस पुराने पैसे से होता है। बिना कीच किये छोटे से बड़ा कैसे बनते हैं ये साबित किया है अलीबाबा, मेकमाईट्रिप ने। इंडिया स्टार्टअप कैपिटल ऑफ वर्ल्ड बन जायेगा जब सिलिकॉन वैली के भारतीय भारत आ जाएंगे। 2032 तक भारतीय अर्थव्यवस्था तीसरे स्थान पर आ जायेगी। दुनिया हम पर भरोसा करती है लेकिन हम खुद अपने पर भरोसा नहीं कर पाते। 74% युवा इकोनॉमी को हायर साइड पर ड्राइव कर सकते हैं
उन्होंने कहा कि लॉकर्स को अनलॉक कर प्रोडक्टिव असेट्स में लगाना चाहिए। आज बिज़नेस में वो ग्रोथ है जो करीब 650 साल में भी नही था। नोटबन्दी और जीएसटी के बाद हुए बदलाव के साथ खुद को भी बदलें नही तो पीछे रह जाएंगे। चेंज की लौ को जलाए रखोगे तो सेल्स, प्रॉफिट सब वापस आ जाएंगे।
बिज़नेस को आगे ले जाने में कस्टमर वैल्यू क्रिएशन बहुत जरूरी है। मुझे क्या मिल रहा है, यह सोचना छोड़ दो, कस्टमर को क्या मिल रहा है, इस पर विचार करो, कस्टमर बेस बढ़ेगा। क्वालिटी का हमेशा ध्यान रखें। क्वालिटी बिल्कुल फ्री है, उसकी कोई कॉस्ट नही है। लोग हमारी एसेट्स हैं। लोग वे जो एम्प्लॉई हैं, नौकर हैं, सहयोगी हैं। लोगों को अपने साथ जोड़ो। मैं ऊपर जाऊंगा तो तुम्हारा भी फायदा होगा। ब्रांड की रेप्युटेशन क्रिएट करें। स्पीड इज़ द नेम ऑफ गेम। आप सोचोगे तब तक वो काम कोई और कर देगा। दूसरों से आगे निकलना होगा
उन्होंने कहा कि माइंड सेट बदलें। कॉस्ट और खर्च में अंतर है कि खर्च पर कंट्रोल करेंगे तो ग्रोथ नही मिलेगी लेकिन उसका एनेलिसिस करो। किशोर बियानी का बिग बाजार का उदाहरन देते हुए उन्होंने कहा कि क्रेडिट नही कैश का काम करो। पहले जमाने में पूंजी चाहिए होती थी और अब आइडिया चाहिए। जहां सरस्वती होती है, लक्ष्मी वहां जाती है। अब फिज़िकल असेट्स को डेड इन्वेस्टमेंट माना जाता है। जिसमें ज्यादा मार्जिन वो बड़ा धंधा जबकि आज उल्टा है। मल्टीप्लायर के साथ धंधा बड़ा है। सिस्टम डवलप करने की जरूरत है। कॉपरेशन से अधिक पैसा कमाया जा सकता है बनिस्पत कंपीट के।
जैन ने ओपिनियन पोल के माध्यम से सेमिनार की शुरुआत की। प्रतिभागियों से सवाल जवाब करते हुए कहा कि हम नई तकनीक का उपयोग कर विश्व बाजार पर राज कर सकते हैं। नोटबन्दी और जीएसटी के बाद 1 नम्बर का काम करने वाले लोग बढ़े। दो नम्बर वाले कहते हैं कि मोदीजी ने बर्बाद कर दिया। भारत विश्व के सामने 130 करोड़ का कंज़्यूमर बेस होने के कारण सबका मालिक बना हुआ है लेकिन फिर भी उसका फायदा नहीं उठा पा रहे हैं। ऑर्गेनाइज़्ड रिटेल और ऑर्गेनाइज़्ड होलसेल यानी बिग बाजार, डी मार्ट, रिलायंस आदि। मेकमाईट्रिप जैसे टेक्नोलॉजी बेस्ड बिज़नेस हैं जो दिन ब दिन प्रगति कर रहे हैं। जैन ने कहा कि ये झीलों के साथ कद्रदानों की नगरी है।
संघटना के उदयपुर चैप्टर अध्यक्ष राजकुमार फत्तावत ने कहा कि संघटना किसी परिचय का मोहताज नही है।
बदलते समय में व्यापार बदलें या तरीके बदलें, इसी की विश्वविख्यात बिज़नेस गुरु राकेश जैन ने जानकारी दी। सकल देश में संघटन के माध्यम से महाराष्ट्र को सुखारहित बनाने का कार्यक्रम हो जिसमें दो तिहाई क्षेत्र अब तक सुखारहित हो चुका है।
आरम्भ में वीडियो क्लिप के माध्यम से संघटना द्वारा देश भर में किये गए समाजोपयोगी कार्य, शिक्षा के क्षेत्र में बच्चों के लोए किये गए कार्यों की विस्तृत जानकारी दी गयी। मंगलाचरण विजयलक्ष्मी गलुण्डिया ने किया। संचालन संघटना सचिव अभिषेक संचेती ने किया। मुख्य अतिथि का सेमिनार संयोजक श्याम नागोरी ने स्मृति चिन्ह भेंटकर सम्मान किया।