उदयपुर। गणेश चतुर्थी से पूर्व केमिकल रहित मिट्टी से गणेश प्रतिमा निर्माण की कार्यशाला का आयोजन इको हट समूह द्वारा गणेश घाटी स्थित धाभाई जी की हवेली में किया गया। कार्यशाला में विश्व प्रसिद्ध मोलेला की लुफ्त होती कला की पुनर्स्थापना एवम झील जल को प्रदूषण से बचाने के लिए इको फ्रेंडली गणेश मूर्ति निर्माण एवं पीओपी की मूर्ति से फैलते प्रदूषण एवं झीलों को प्रदूषण से मुक्त रखने पर कार्यशाला हुई।
कुलम आश्रम की गुरु माँ भुवनेश्वरी पुरी ने मूर्तियों के महात्म्य एवं मिट्टी से पर्यावरण हितैषी मूर्ति निर्माण पर प्रसन्नता व्यक्त करते हुए कहा कि गणेश चतुर्थी पर यह प्रयास प्रेरणादायी हैं एवं इस प्रकार के और भी प्रयासों की महती आवश्यकता है। झील प्राधिकरण के सदस्य तेज शंकर पालीवाल ने कहा कि मोलेला की जग प्रसिध्द कला से निर्मित मूर्तियां न सिर्फ आकर्षक होंगी, वरन पर्यावरण हितेषी भी होंगी।इससे झीलों के जल को केमिकल प्रदूषण से बचाया जा सकेगा।
कार्यशाला संयोजकत्रय रितेश शेखावत, गुड्डी प्रजापत एवं विशाल सिंह धाभाई ने लुप्त होती कलाओं के संरक्षण-संवर्धन, ऑर्गेनिक सामग्री के उपयोग व जल प्रदूषण रोकने के प्रयासों में युवाओं की सहभागिता पर जोर देते हुए आम जन को जुड़ने का आव्हान किया। कार्यशाला में मोलेला के कलाकार अम्बालाल प्रजापत ने मिट्टी की गणपति प्रतिमा बनाना सीखाया, जिसमें उदयपुर के प्रबुद्ध पर्यावरण प्रेमियों, युवाओं, महिलाओं एवं बच्चों ने उत्साह से बढ़-चढ़ कर भाग लिया।
Nice
Nice…. Work