जेएसजी भामाशाह ने मनाया 9 चार्टर डे समारोह
उदयपुर। जैन सोश्यल ग्रुप भामाशाह ने आज महाप्रज्ञ विहार स्थित भैरव बाग में अपना 9 वंा चार्टर डे समारोह रंगारंग कार्यक्रमों के साथ तपस्वियों के सम्मान के साथ आयोजित किया गया। समारोह के मुख्य अतिथि उद्योगपति एवं लायन्स क्लब इन्टरनेशनल के निदेशक वी.के.लाडिया,महापौर चन्द्रसिंह कोठारी एवं जेएसजी मेवाड़ रिज़न के चेयरमेन ओ.पी.चपलोत थे।
समारोह में जीएसजी सदस्याओं अरूणा पटवा एवं मंजू डंाग ने स्वागत गीत प्रभु नाम को रट तेरे बन्दे… गीत के साथ इसकी शुरूआत की। कुसुम खाब्या, सुशीला सेठ, दमयन्ती भण्डारी, सुमित्रा जोधावत ने समूह नृत्य, उषा पटवा ने एकल नृत्य, पुष्पा सिसोदिया ने कविता हसंना कोई हमसे सीख जायें… की प्रस्तुति दी। इन्दरमल पटवा, डाॅ. विजयलक्ष्मी नैनावटी व गणपतलाल कोठारी ने गीत की प्रस्तुति दी।
तपस्वियों को सम्मान – अतिथियों सहित अध्यक्ष दिनेश सेठ,सचिव ललित लोढ़ा, डाॅ. आरएल जोधावत ने 33 उपवास करने वाले पारस माण्डावत,9 उपवास करने वाले निर्मल डंागी,8-8 उपवास करने वाले श्याम इण्टोदिया व रतन जैन,महिला तपस्वियों विमला बाबेल, स्नेहलता बोहरा, शंाता सिंघवी व शांता इन्द्रावत का उपरना ओढ़ाकर, माल्यार्पण, शाॅल ओढ़ाकर एवं प्रशस्ति पत्र प्रदान कर सम्मानित किया। जेएसजी भामाशाह के संस्थापक अध्यक्ष रोशनलाल डांगी का बहुमान किया गया।
समारोह को संबोधित करते डाॅ. वीके लाडिया ने कहा कि किसी भी कार्य को पूरा करने ली जाने वाली शपथ को जिम्मेदारी के साथ पूरा किया जाना चाहिये। नेतृत्व कोई कुर्सी नहीं है। वह अपना स्थान लेते हुए आपसे आशा रखने वालों की आशाओं को पूरा करना चाहिये।
महापौर चन्द्रसिंह कोठारी ने कहा कि जैन का नाम आते ही सुसंस्कृत व्यक्ति की छवि सामने आती है। जैन इतिहास को बताये जाने व उस पर शोध किये जाने की जरूरत है। सुभाषचन्द्र बोस के निजी सचिव भी जैन थे। इस अवसर पर उन्होेंने जैनत्व के इतिहास की जानकारियंा दी।
ओ.पी.चपलोत ने कहा कि जो वीर है वहीं अहिंसा ला सकता है। इस अवसर पर उन्होंने जेएसजी संगठन की जानकारी दी। प्रारम्भ में अध्यक्ष दिनेश सेठ ने अतिथियों का स्वागत करते हुए संगठन की गतिविधियों की जानकारी दी। सचिव ललित लोढ़ा ने सेवा कार्यो का प्रतिवेदन प्रस्तुत किया। मेवाड़ रिजन के सुरेन्द्र कोठारी ने समारोह को संबोधित किया। अंत में उपाध्यक्ष नरेन्द्र सर्राफ ने आभार ज्ञापित किया। कार्यक्रम का संचालन डाॅ. सीमा चंपावत ने किया।