उदयपुर। राजकीय मीरा कन्या महाविद्यालय के वनस्पति शास्त्र विभाग की स्नात्तकोत्तर छात्राओं को गुरुवार को राजस्थान कृषि महाविद्यालय के विभिन्न विभागों में शैक्षणिक भ्रमण के लिए ले जाया गया।
स्नात्तकोत्तर परिषद प्रभारी डॉ नसरीन बानु ने बताया कि विभाग की हॉर्टिकल्चर विभाग में छात्राओं ने नर्सरी में विविध प्रकार के वातावरण में उगने वाले पौधों को राजस्थान के वातावरण में उगाया जाने की प्रणाली सीखी. इसके साथ ही डॉ. एस. एस. शर्मा द्वारा मशरुम कल्चर तकनिकी की पावर पॉइंट प्रेजेंटेशन द्वारा विस्तृत जानकारी दी गयी. छात्राओं ने विविध प्रकार के खाने योग्य मशरुम को पहचानना सीखा और उनके व्यावसायिक उत्पादन की सम्पूर्ण जानकारी प्राप्त करी. भ्रमण के दौरान विभाग के व्याख्यातागण डॉ. सविता चाहर, डॉ. इंदुबाला सोनी, डॉ. फरहत बानु, डॉ. रेखा भाटी, डॉ. गीता स्वामी, डॉ. किरण टाक तथा डॉ. वर्तिका जैन के सानिध्य में विभिन्न प्रकार की वनस्पतियों और उन पर उत्पन्न होने वाले विभिन्न रोगो को भी प्राकतिक परिस्थितयों में पहचानना सीखा और हरबैरियम निर्माण के लिए विविध वनस्पतियों को संगृहीत भी किया. छात्राओं ने लहसुन बेल, पोइ, चिरमी, जल-जामनी, मेड-सिंघी, समुद्री-अशोक आदि लताओं के साथ ही विविध प्रकार के तुलसी,कालमेघ, कोलियस, अर्जुन, हवन, सेमल आदि औषधीय पौधों को प्रकृति में पहचानना सीखा.