युवाओं के लिए ऐतिहासिक परिचय सम्मेलन, भारतीय जैन संघटना का आयाम
और होने चाहिए ऐसे सम्मेलन, कहा प्रतिभागियों ने
उदयपुर। भारतीय जैन संघटना के तत्वावधान में सकल जैन समाज के युवक-युवतियों के लिए रविवार को उदयपुर के तेरापंथ भवन में परिचय सम्मेलन का आयोजन किया गया। सम्मेलन की सफलता का आलम यह कि दिन भर चले सम्मेलन के बाद कुछ प्रतिभागियों के परिवारों ने आपस में बातचीत कर विवाह सम्बन्ध करना तय किया।
अपनी तरह के इस पहले सम्मेलन की प्रतिभागियों सहित अभिभावकों ने काफी सराहना की। सम्मेलन में जैन समाज के सभी पंथों के अभिभावक, युवा मौजूद थे। करीब 200 से अधिक युवक-युवतियों ने शिरकत की। कार्यक्रम का सफल संचालन बीजेएस के पूर्व राष्ट्रीय अध्यक्ष प्रफुल्ल पारेख ने किया।
पारेख ने सम्मेलन से पूर्व अपने वक्तव्य में कहा कि पहले बच्चों की शादी की उम्र 22 से 25 थी जो अब बढ़कर 27 से 30 तक हो चुकी है। इस उम्र के सरकने का भुगतान समाज को करना पड़ेगा। बेवजह दिमाग में बातें भरी हुई हैं। इस कारण से बच्चे देखने-दिखाने में समय लगाते हैं तब तक उम्र आगे सरक जाती है। इस चक्कर में जो परिवर्तन आएंगे वे हमें स्वीकार करने पड़ेंगे। पहले पुरुषों का काम था कमाना और महिलाओं का काम था घर चलाना। अब दोनों कमाने लग गए हैं। शिक्षा के कारण दोनों जिम्मेदारियों एक हो गई हैं। घर में सुख-चैन चाहते हैं तो सोच बदलने की जरूरत है। आज 40-50 की आयु वाले सैंडविच जनरेशन है। अपने माता-पिता की भी सुनी और आने वाले समय में अपने बच्चों की भी सुनेंगे। शादी तय करने से ज्यादा शादी टिकाए रखने में ज्यादा कठिनाई आती है।
संघटना के प्रदेशाध्यक्ष राजकुमार फत्तावत ने बताया कि युवाओं को 6-6 के बैच में मंच पर बिठाया गया जिनसे संघटना के राष्ट्रीय अध्यक्ष प्रफुल्ल पारेख ने सवाल जवाब किये जिनमें जन्मपत्री के बारे में क्या खयाल है, फैमिली को क्या पसंद है, कैसी लड़की/लड़का चाहिए, फैमिली में कौन-कौन हैं आदि शामिल थे। उच्च शिक्षित युवाओं ने खुलकर अपने मन की बात रखी और अपनी तथा अपने परिवार की पसंद के बारे में बताया। संचालन कर रहे पारेख ने कई बार अपने प्रश्नों के माध्यम से युवाओं को हंसाया भी और उनसे उनके जवाबों के बारे में खुलकर पूछा। मंच से प्रतिभागियों ने दोहराया कि ऐसे सम्मेलन और भी होते रहने चाहिए। पहली बार ऐसा परिचय सम्मेलन देखा जिसमें किसी को अपनी बात कहने में किसी तरह की कोई हिचक महसूस नहीं हुई।
फत्तावत ने बताया कि आयोजन का उद्देश्य यही था कि युवक-युवतियां बैच के रूप में बैठकर सवालों के जवाब देें। अपने आप के बारे में मंच से परिचय देने में काफी हिचक महसूस करते हैं। ऐसे में व्यक्तिगत अलग अलग किसी को अपना परिचय देना नही पड़ा। सभी प्रतिभागियों का बायोडेटा बुक के रूप् में प्रकाशित कर पहले ही अभिभावकों को दी गई जिससे इच्छुक अभिभावकों ने तात्कालिक रूप से पसंदीदा प्रतिभागी का चयन किया।
सम्मेलन में आये प्रतिभागियों के कहना था कि पहली बार ऐसे आयोजन का हिस्सा बनना अच्छा लगा। इंटरव्यू होते हुए भी इंटरव्यू नही हुआ और अपने मन की बात सभी तक पहुंच गई वहीं सामने वाले की इच्छा भी पता चल गई। सम्मेलन में महाराष्ट्र, मध्यप्रदेश, जयपुर, किशनगढ़, बांसवाड़ा, डूंगरपुर, चित्तौड़, राजसमन्द आदि स्थानों से सकल जैन समाज के युवाओं ने अभिभावकों सहित हिस्सा लिया।
आरंभ में प्रतिभागियों के बायोडेटा सहित प्रकाशित पुस्तक का विमोचन किया गया। विमोचन के बाद पुस्तक प्रतिभागियों के अभिभावकों को वितरित की गई।संघटना के उदयपुर चैप्टर अध्यक्ष अभिषेक संचेती ने स्वागत उद्बोधन दिया। आभार सचिव दीपक सिंघवी ने व्यक्त किया।
सम्मेलन की सफलता के लिए कमेटियों का गठन किया गया था जिनमें रेनप्रकाश जैन, सुधीर चित्तौड़ा, यशवंत कोठारी, श्याम नागोरी, सुनील मारू, महेन्द्र तलेसरा, नितिन सेठ, चेतन सेठ, मनीष गलुण्डिया, हेमेन्द्र मेहता, विमल जैन, अरूण मेहता, कमलेश परमार, राजीव सुराणा, विजय कोठारी शामिल थे जिन्होंने सहयोग कर इसे सफलता प्रदान की। महिलाओं में रितु मारू, कल्पना बोहरा, सपना सेठ, आरती चित्तौड़ा, निर्मला जैन, प्रीति लुणदिया, मंजू फत्तावत, उर्मिला नागौरी, प्रिय भंडारी ने भी सहयोग दिया। मंगलाचरण विजयलक्ष्मी गलुण्डिया ने किया। कार्यक्रम के आरंभ में पूर्व अध्यक्ष प्रफुल्ल पारेख, प्रदेशाध्यक्ष राजकुमार फत्तावत, मेट्रीमोनियल हेड राजस्थान राजकुमार बापना, उदयपुर चैप्टर अध्यक्ष अभिषेक संचेती, सचिव दीपक सिंघवी ने दीप प्रज्वलन किया।