उदयपुर। मेवाड़ अधिपति परमेश्वराजी महाराज एकलिंगनाथ के मंदिर पर ध्वजदण्ड शिखर कलश प्रतिष्ठा का पांच दिवसीय महोत्सव वैशाख शुक्ल दशमी वि.सं. 2076 को सम्पूर्ण हुआ। यह समारोह विधि-विधान पूर्वक वैशाख शुक्ल षष्ठी 10 मई को आरम्भ होकर पांचवें दिन श्रीजी अरविन्द सिंह मेवाड़ के कर कमलों से पूर्णाहुति के पश्चात् सम्पूर्ण हुआ।
श्रीएकलिंगनाथजी मंदिर पर मेवाड़ के 63 वें श्रीएकलिंग दीवान महाराणा उदय सिंह ने विक्रम संवत् 1602 में मंदिर पर ध्वजदण्ड-कलश की स्थापना करवाई थी। 474 वर्ष उपरांत मेवाड़ के 76 वें श्री एकलिंग दीवान अरविन्द सिंह मेवाड़ ने पुनः समर्पित श्रद्धा भाव से देवप्रासाद निर्माण व जीर्णोद्धार के देववास्तुशास्त्रानुरूप अपने सुधर्म का पालन करते हुए एकलिंगनाथ मन्दिर में विधि विधानपूर्वक ध्वजदण्ड-कलश प्रतिष्ठा स्थापना का धर्मिक महोत्सव सम्पन्न करवाया। एकलिंगजी ट्रस्ट के उप-सचिव अजय विक्रम सिंह ने बताया कि मंदिर पर स्थापित स्वर्ण कलश की ऊँचाई 6 फिट तथा ध्वजदण्ड की ऊंचाई 28 फीट के लगभग है।
ध्वजदण्ड-कलश प्रतिष्ठा से पूर्व चौथे दिन लक्ष्यराज सिंह मेवाड़ ने प्रतिष्ठित होने वाले ध्वजदण्ड-कलश की दर्शन कर पूजा-अर्चना समारोह में सम्मिलित हुए। जहां पुरोहित जी एवं पंडितों ने मण्डप में मंत्रोच्चार के साथ विधि-विधान से ध्वजदण्ड-कलश से लाल वस्त्र हटाए और पूजन किया गया। वैशाख शुक्ल दशमी को प्रातः से ही श्रद्धालुओं का तांता लगा रहा। कैलाशपुरी एवं आसपास के गांव एवं नगरों से भी काफी संख्या में श्रद्धालु इस महोत्सव का हिस्सा बने। हवन मण्डप को पुष्पों से सजाया गया तथा जवारें स्थापित किये गये। अरविन्द सिंह मेवाड़ एवं लक्ष्यराज सिंह मेवाड़ ने मंदिर प्रांगण में पहुंच ध्वजदण्ड-शिखर को प्रणाम कर परमेश्वराजी महाराज एकलिंगनाथ के दर्शन किये फिर मण्डप में प्रवेश किया, जहां पण्डितों के मंत्रोच्चार के साथ अरविन्द सिंह मेवाड़ ने पूर्णाहुति दी। इसके बाद भोग लगाया गया और दिन में 1.30 बजे बाद भोग प्रसादी हेतु श्रीएकलिंगजी सराय में सभी को आमंत्रित किया गया जहां श्रद्धालुओं, कैलासपुरी गांव वासियों आदि ने प्रसादी ग्रहण की। ध्वजदण्ड-शिखर स्थापना महोत्सव में पूर्व राजघराने के राजकुमार यतीन्द्र मोहन प्रताप मिश्र अयोध्या से इस पावन समारोह में दर्शनार्थ सम्मिलित हुए। यह पंच दिवसीय धार्मिक अनुष्ठान एकलिंगजी ट्रस्ट द्वारा सम्पन्न किया गया।