तेरापंथ में पर्वाधिराज पर्युषण में मनाया खाद्य संयम दिवस
उदयपुर। तेरापंथ धर्मसंघ के आचार्य महाश्रमण के सुशिष्य मुनि प्रसन्न कुमार ने कहा कि प्रतिवर्ष आने वाला पर्युषण विशेष संदेश लेकर आता है। पर्युषण का भावार्थ क्या है। सांसारिक बाह्य प्रवृत्ति से आत्म रमण करना। पर्युषण प्राणि मात्र के लिए है। पर्युषण सिर्फ जैन नही समूची मानव जाति का पर्व है। महावीर कहते हैं कि सभी प्राणियों को जीने का अधिकार है। उनके पास कसाई भी आता था तो एक निचले सम्प्रदाय का व्यक्ति भी। आसक्ति और मोहजाल में फंसे रहने के कारण हम अंदर गमन नहीं कर पाते। कम से कम इन आठ दिन में तो अभ्यास करें। वे मंगलवार को पर्वाधिराज पर्युषण के पहले दिन खाद्य संयम दिवस पर आयोजित विशाल धर्मसभा को संबोधित कर रहे थे।
उन्होंने गीत प्रस्तुत करते हुए कहा कि केवल खाने के लिए नहीं जीते हैं बल्कि जीने के लिए खाना चाहिए। खाना इसलिए कि शारीरिक स्वास्थ्य अच्छा रहे। इसी से आत्मा से परमात्मा हुआ जा सकता है। तीसरा नेत्र यानी प्रज्ञा। विवेक जागृत करो। विवेक से खाओ ताकि डॉक्टर की शरण में नहीं जाना पड़े जो अति आहार करता है उसकी जननेन्द्रिय भी प्रभावित होती है। आज के फास्ट फूड के युग में खाद्य असंयम अधिक हो गया है। गाय भी खाने को समझती है। उसे अगर खाने की चीज दी जाए तो वो सूंघकर खाती है नहीं तो छोड़ देती है। विरोधी आहार को समझना पड़ेगा। दूध के साथ दही नहीं चल सकता। वाइटल एनर्जी के लिए आहार विज्ञान है।
उन्होंने कहा कि संवत्सरी की तैयारी के लिए ये आठ दिन का अभ्यास होता है। युद्ध में गया हुआ राजा भी संवत्सरी आने पर बीच में मनाता है। पर्युषण में कोई भौतिक आनंद की अनुभूति नहीं की जाती। नास्तिक भी इन दिनों में धर्म आचरण करे। 3 व्यक्ति होते हैं। सदिया, कदिया और गदिया। जो कभी नहीं आते, कभी कभार आते हैं और जो रोज आते हैं। उन्होंने 32 आगम में प्रमुख आचारांग का वाचन करते हुए कहा कि भगवान महावीर के समय दो परंपराएं थी। स्वस्त्र और निर्वस्त्र साधना। जनता के सामने संकल्प किया कि सभी प्रकार के पाप और आचरण से निवृत्त होता हूँ।
मुनि धैर्य कुमार ने गीत की प्रस्तुति देते हुए खाद्य संयम पर जानकारी दी। महिला मंडल अध्यक्ष सुमन डामर ने कहा कि पर्युषण का आरंभ बारिश की बूंदों ने किया है। उन्होंने श्रमणोपासक शिविर की जानकारी दी। महिला मंडल की बहनों ने लो आ गया पर्युषण पर्व गीत से मंगलाचरण किया। नरेंद्र ने गीत सदसंगत का लाभ उठाओ अब समय आ गया है प्रस्तुत किया।