राष्ट्रीय सम्मेलन व कार्यशाला का समापन
मानव संसाधन विकास मंत्रालय व पेसिफिक विश्वविद्यालय के संयुक्त तत्वावधान में आयोजित राष्ट्रीय सम्मेलन एवं कार्यशाला के दूसरे दिवस का शुभारंभ प्रोफेसर रामेश्वर आमेटा (अधिष्ठाता, विज्ञान संकाय, पेसिफिक विश्वविद्यालय) के व्याख्यान के साथ हुआ। उन्होंने विज्ञान विषयों के हिंदी में पठन-पाठन एव लेखन के लिए स्वेच्छा से आगे आने का आह्वान किया। रसायन विज्ञान विषय पर हिंदी में 10 मौखिक पत्र वाचन प्रस्तुत किए गए।
प्रोफेसर नीलू चौहान (सहआचार्य, कोटा विश्वविद्यालय) ने नैनो रसायन पर विस्तृत जानकारी दी। उन्होंने बताया कि पदार्थ के सूक्ष्मतम कण पर गुरुत्वाकर्षण नगण्य हो जाता है, जिससे उस पदार्थ के गुणों में अभूतपूर्व परिवर्तन आ जाता है। उन्होंने यह भी बताया कि वर्तमान समय में नैनो पदार्थों व नैनो उत्प्रेरक का उपयोग सभी क्षेत्रों में व्यापक रूप से हो रहा है। प्रोफेसर पी बी पंजाबी आचार्य सुखाड़िया विश्वविद्यालय ने अपने आमंत्रित आख्यान में हरित रसायन पर प्रकाश डाला ।
प्रोफेसर हरिशंकर शर्मा (पूर्व सहायक आचार्य,उच्च शिक्षा विभाग, कोटा) ने बताया कि विद्यार्थी अंग्रेजी भाषा के बजाय हिंदी भाषा में अवधारणाओं को अच्छे से समझा जा सकता है।
कार्यशाला के समापन सत्र में मानव संसाधन विकास मंत्रालय के सहायक निदेशक शिव कुमार चौधरी ने हिंदी में विज्ञान लेखन हेतु प्रमाणिक शब्दावली के प्रयोग पर जोर देते हुए वैज्ञानिक एवं तकनीकी शब्दावली आयोग से जुड़ने का आग्रह किया। इस अवसर पर विशिष्ट अतिथि प्रोफेसर पी.बी. पंजाबी ने हिंदी के साथ-साथ अंग्रेजी में भी पुस्तक लेखन की आवश्यकता बताई। आयोग की तरफ से मर्सी लालरोहलू हमार ने कार्यशाला के आयोजकों का आभार माना। संचालन डॉ शालू दाधीच तथा धन्यवाद डॉ गजेंद्र पुरोहित ने ज्ञापित किया।