पेसिफिक विश्वविद्यालय के अन्तर्गत पर साप्ताहिक फैकल्टी डवलपमेन्ट कार्यशाला (क्वांटीटेटिव मेथड्स फार रिसर्च) का शुभारंभ हुआ इसमें प्रो. हेमन्त कोठारी डीन पीजी स्टडीज ने बताया कि शोध में क्वांटीटेटिव एनालिसिस की महती आवश्यकता होती है और बहुत सारे शोधार्थियो को इसका पुर्ण ज्ञान नही होने से वे रिसर्च में पिछड़ जाते है।
यह कार्यशाला विशेष रूप से लर्निंग बाई डुईंग पर आधारित है। जिसमें शोधार्थी विषय विशेषज्ञो के साथ-साथ डाटा एनालिसिस कर कर शोध में जरूरी निर्णय ले सकंेगे। इस कार्यशाला में 18 राज्यों के 480 से अधिक प्रतियोगियो ने उत्साहपूर्वक भाग लिया।
राहुल अग्रवाल, सचिव, पेसिफिक विश्वविद्यालय ने इस कार्यशाला की शोधकर्मीयो के लिए अत्यंत उपयोगी बताया तथा अपेक्षा की इसमें भाग लेने वाले प्रतियोगी अपने अनुसंधान कार्य में अन्तर्राष्ट्रीय स्तर ले जा पायेंगे। शरद कोठारी, रजिस्ट्रार, पेसिफिक विश्वविद्यालय ने विश्वविद्यालय के विभिन्न संकायो के वेबिनार आयोजन को बताते हुए इस कार्यशाला को आज के परिवेश में जब भारत आत्मनिर्भर होने के लिए प्रयासरत है और यह तभी पूर्ण हो सकता है जब हमारी आरएनडी अच्छी हो और इस कार्यक्रम का आयोजन इस दृष्टिकोण से बहुत उपादेयता रखता है। आज के दोनोे सत्र डाॅ. शिवोहम सिंह ने लिए। प्रथम सत्र में क्वांटीटेटिव मेथड्स की रिसर्च में उपयोगिता तथा विभिन्न प्रकार के एनालिटिक्स टूल्स व उनकी हाइपोथिसिस टेस्टिंग की जरूरतो पर विस्तार से चर्चा की। द्वितीय सत्र में एक्सल के विभिन्न प्रकार के सांख्यिकी विश्लेषण टूल्स तथा डाटा फिल्टर कोडिंग को लाईव सत्र में सिखाया।