जुड़ा सीईओ वाटर मैंडेट से
उदयपुर। हिन्दुस्तान जिंक उत्पादन से पूर्व संरक्षण और सुरक्षा को प्राथमिकता देता है। जल संरक्षण सतत विकास के प्रति हिन्दुस्तान जिं़क की प्रतिबद्धता का प्रमुख अंग है। जल सरंक्षण और अधिक से अधिक सर्तकता से जल के सद्उपयोग हेतु श्रेष्ठ तकनीक को अपनाते हुए कंपनी के लिए इसकी सामाजिक, आर्थिक और पारिस्थितिक मूल्य प्राथमिकता है। यूएन सेक्रेटरी जनरल एण्ड द यूएन ग्लोबल इंपेक्ट की पहल सीईओ वाटर मैंडेट से जुड़ कर हिन्दुस्तान जिं़क ने जल सरंक्षण की प्रतिबद्धता को दोहराया है।
इस पहल से जुड़ने पर हिन्दुस्तान जिंक के मुख्य कार्यकारी अधिकारी अरूण मिश्रा ने कहा कि ‘‘वाटर मैंडेट के लिए हमारी प्रतिबद्धता न केवल हमारें सस्टेनेबल डेवलपमेंट के लक्ष्य 6 के लिए हमारें द्वारा अपनाये जा रहे प्रयासों और प्रक्रियाओं के अनुरूप है। बल्कि हमें 5 टाईम्स वाटर पाॅजिटीव कम्पनी बनने के दृष्टिकोण और 2025 तक फ्रेषवाॅटर की खपत को 25 प्रतिषत तक कम करने के लक्ष्य के भी करीब है।‘‘
सीईओ वाटर मैनेजमेंट व्यापार का प्रतिनिधित्व करने वाले उद्यमियों और षिक्षार्थियों के लिए एडवांस वाॅटर स्अीवर्डषीप के लिए मंच प्रदान करता है। इसका समर्थन करने वाली कंपनियां छह प्रमुख तत्वों (प्रत्यक्ष संचालन, आपूर्ति श्रृंखला, सामूहिक कार्य, सार्वजनिक नीति, सामुदायिक सहभागिता और पारदर्शिता) पर कार्रवाई करने के लिए प्रतिबद्ध हैं और प्रगति पर प्रतिवर्ष विवरण प्रस्तुत करती हैं। इस प्रतिबद्धता के साथ, हिंदुस्तान जिंक दुनिया भर में 175 कंपनियों में से एक होगा जो जल सरंक्षण का नेतृत्व करेगा।
हिंदुस्तान जिंक कम पानी की गहन तकनीक का उपयोग करने, अपशिष्ट जल को पुनर्चक्रित करने, वर्षा जल संचयन, और अधिक विभिन्न नीतियों के माध्यम से स्वच्छजल के उपयोग को कम करने पर केंद्रित है। कंपनी जल का कुशलता से उपयोग करके, पानी की गुणवत्ता को बनाए रखने और समुदाय के साथ मिलकर जीवन चक्र में साझा जल संसाधन का प्रबंधन करने के लिए पानी के भंडारण हेतु अपनी प्रतिबद्धता को दर्शाता है।