पेसिफिक विश्वविद्यालय में ‘स्वच्छ पर्यावरण हेतु हरित रसायन’ पर अन्र्तराष्ट्रीय सेमिनिार के दूसरे दिन प्रथम सत्र में सूकूबा विश्वविद्यालय, जापान के प्रो. काजुहिरो मारूमोटो ने पेरोवस्काइट सोलर सेलों (पीवीके पर अपना आमंत्रित व्याख्यान प्रस्तुत किया।
उन्होंने बताया कि सोलर सैल के क्षेत्र में पेरोवस्काइट सेलों के लचीलेपन उच्च प्रभावोत्पादकता तथा इनके निर्माण में अपेक्षाकृत कम खर्च होने से वैज्ञानिक समुदाय इस ओर आकर्षित है। वर्तमान में सोलर फोटोवोल्टाइक सेल (पीवी) में सिलीकाॅन प्रयुक्त होने से सर्वसाधारण के लिए इस हरित उर्जा (सौर उर्जा) का उपयोग महंगा है। अतः भविष्य में पीवीके सोलर सेलों का उपयोग बहुजन के लिए हो सके, इस दृष्टि से इन सेलों की आवेश अवस्थाओं पर ताप, टाइटेनियम डाइआॅक्साइड़ परत आदि के प्रभाव की विस्तृत व्याख्या प्रस्तुत की। सत्र में 12 शोध पत्रों का वाचन किया गया। दूसरे सत्र में गुजरात के केन्द्रीय विश्वविद्यालय गांधीनगर के प्रो. मानसिंह ने अपनेे आमंत्रित व्याख्यान में ”नैनों इमल्सन में आण्विक ऊर्जा के क्वांटीकरण इंडेक्स“ विषय पर प्रकाश डाला। उन्होनें बताया कि इलेक्टान के व्यवहार की समझ जितनी बढ़ती जाएगी,उतनी ही विभिन्न इच्छित गुणधर्मों वाले नए अणुओं का निर्माण सभंव हो सकेगा। उन्होनें इस क्षेत्र में प्रचलित विभिन्न सिद्धातों पर चर्चा की। दूसरे सत्र में पुनः 11 शोध पत्रो का वाचन हुआ जिसमें विभिन्न राज्यों के शोधार्थियों ने अपने शोध पत्र प्रस्तुत किए।
अन्त में समापन समारोह का आयोजन हुआ जिसमें श्रेष्ठ शोध पत्र प्रस्तुत करने वाले छः सहभागियों डा. भरत मखवाना (कड़ी, गुजरात), डा. जयेश धालानी (राजकोट), डा. चेतना आमेटा (उदयपुर), दीपक पाटिल (मैक्सिको), प्रज्वल कुलाल (मैंगलौर) एवं भाग्यश्री पाटिल (मुम्बई) को क्रमशः वरिष्ठ एवं युवा वैज्ञानिकों के रूप में पुरूस्कृत किया गया। इस अन्र्तराष्ट्रीय कान्फ्रेंन्स में कुल चार आमंत्रित व्याख्यान एवं 50 शोध पत्र प्रस्तुत किए गए जो हरित रसायन के विभिन्न आयामों पर आधारित थे। इस सत्र का संचालन डा. नीतू शोरगर ने तथा धन्यवाद ज्ञापन डा. गजेन्द्र पुरोहित ने किया।