विश्व पर्यावरण दिवस पर एक क्लिक में पौधरोपण की नवीन पहल
उदयपुर। वेदांता समूह की कंपनी हिंदुस्तान जिंक में सतत विकास का सिद्धांत संचालन का अभिन्न हिस्सा है। विश्व पर्यावरण दिवस पर, कंपनी ने जिंक इको बडीज़ की एक अनूठी पहल की शुरूआत की है जिसके तहत् वर्चुअल प्लेटफॉर्म पर कोई भी एक क्लिक कर हरित संकल्प ले सकता है और हिंदुस्तान जिंक उनके नाम पर वृक्षारोपण करेगा। यह वृक्षारोपण अभियान हमारे चारों ओर प्रकृति के पारिस्थितिक संतुलन की रक्षा और संरक्षण की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है।
इस अवसर पर हिन्दुस्तान जिं़क के मुख्य कार्यकारी अधिकारी अरूण मिश्रा ने कहा कि यदि हम 7 सिद्धांतों, रिथिंक, रिफ्यूज़, रिड्यूस, रिपर्पज़, रियूज, रिसाईकल, रोट का पालन करें तो स्वच्छ, हरित और प्रभावी अर्थव्यवस्था की परिकल्पना को पूरी कर सकते है। साथ ही परिस्थितिकी तंत्र को सरंक्षित करने के हमारे प्रयासों और दीर्घकालिक प्रभाव के लिये महत्वपूर्ण है।
हम सभी के लिये वर्चुअल पोर्टल जिंक इको बडीज़ की शुरूआत करते हुए खुशी है जहां हमारा लक्ष्य 2025 तक 10 लाख वृक्षारोपण के हमारे विजन की शुरूआत के रूप में इस पहल के माध्यम से 1 लाख पेड़ लगाने का है।
कोविड महामारी के परिदृश्य में, जिंक इको बडीज़ पहल वृक्षारोपण के लिए अपने वर्चुअल पोर्टल पर पंजीकरण करने के लिए का आसान और अभिनव अवसर प्रदान करती है। हिंदुस्तान जिंक ने इस पहल को अपनी सभी इकाइयों में शुरू किया हैै। जिसके तहत् पंजीकरण करने वाले के नाम पर एक पौधा लगाएगा। यह सभी कर्मचारियों, व्यापार भागीदारों, हितधारकों के लिए उपलब्ध मंच है और कोई भी वृक्षारोपण के लिये अनुरोध कर सकता है क्योंकि यह प्रक्रिया निःशुल्क है। लगाए गए पौधे देशी प्रजाति के होंगे और कम जल में भी चल सकेगें।
वृक्षारोपण हेतु अनुरोधकर्ता को इस पहल में हिस्सा लेने पर एसएमएस और ईमेल से प्रमाण पत्र भी मिलेगा। साथ ही, पौधरोपण के पश्चात उसे समय-समय पर उस पौधे के विकास के बारे में अपडेट किया जाएगा। साथ ही जियो टैगिंग से गूगल अर्थ या किसी मैप एप के जरिए वृक्षारोपण क्षेत्र का दौरा कर सकता है।
यह अभियान जलवायु परिवर्तन और मरुस्थलीकरण से निपटने के लिए एक कदम है और पारिस्थितिक तंत्र के स्थायी उपयोग को बचाने, बढ़ावा देने और संरक्षित करने के लिए मूलभूत अंग है। कंपनी ने 2025 के लिए अपने स्थिरता लक्ष्यों को निर्धारित करने, उन्हें संयुक्त राष्ट्र स्थिरता वैश्विक लक्ष्यों के साथ संरेखित करने और सकारात्मक बदलाव लाने की दिशा में विस्तार पर ध्यान केंद्रित करने के लिए एक समग्र दृष्टिकोण लिया है। कंपनी के 2025 लक्ष्यों में जीएचजी उत्सर्जन को कम करना, आपूर्तिकर्ताओं को स्थिरता मानकों को पारित करना, मीठे पानी पर निर्भरता कम करना, शून्य कचरे, दस लाख लोगों की आजीविका में सुधार और कार्यस्थल में विविधता और समावेश को बढ़ाना शामिल है।
हिंदुस्तान जिंक 2.41 गुना वाटर पॉजिटिव है और पानी का कुशलतापूर्वक उपयोग करके, पानी की गुणवत्ता बनाए रखने और समुदायों के साथ मिलकर जीवन चक्र में एक साझा जल संसाधन का प्रबंधन करने के लिए वर्षा जल संचयन, भूजल पुनर्भरण जैसी पहल के साथ जल प्रबंधन के प्रति अपनी प्रतिबद्धता का प्रदर्शन कर रहा है। उपचारित सीवेज जल के उपयोग ने कंपनी को यह अंतर हासिल करने में सक्षम बनाया है। कंपनी ने राजस्थान सरकार के साथ पीपीपी मॉडल के तहत उदयपुर के पहले एसटीपी का निर्माण और कमीशन किया है, जहां वह शहर के सीवेज का उपचार करती है और फिर इस पानी का उपयोग अपने संचालन के लिए करती है।
इसके अतिरिक्त, जिम्मेदार खनन के लिए अभिनव समाधान और स्मार्ट प्रौद्योगिकियों को अपनाने में अग्रणी के रूप में, हिंदुस्तान जिंक ने एक नया बेंचमार्क स्थापित किया है क्योंकि यह भूमिगत खनन में बैटरी इलेक्ट्रिक वाहन (बीईवी) की शुरूआत का मार्ग प्रशस्त करता है।
कंपनी सीओपी 26 बिजनेस लीडर है और कार्बन फुटप्रिंट कम करने के लिये विज्ञान-आधारित लक्ष्यों को प्राप्त करने की दिशा में कार्यरत है। धातु और खनन क्षेत्र में डॉव जोन्स सस्टेनेबिलिटी इंडेक्स 2020 द्वारा हिंदुस्तान जिंक को एशिया प्रशांत में पहला और विश्व स्तर पर 7 वां स्थान दिया गया है। हिन्दुस्तान जिं़क एफटीएसई4गुड इंडेक्स का भी सदस्य है और जलवायु परिवर्तन के लिए सीडीपी द्वारा प्रतिष्ठित ए सूची में शामिल भारत की केवल चार कंपनियों में से एक है।
वेदांता केयर्स ग्रीन कवर पहल के माध्यम से 10 लाख से अधिक पेड़ लगाए जाएंगे, जिनमें कंपनी की सभी इकाइयां शामिल होगीं। वृक्षारोपण अभियान उन उपहारो के लिये कृतज्ञता प्रकट करना है जो कि हमें पृथ्वी से प्राप्त हुए है। कंपनी द्वारा वर्ष 2020-21 में करीब 1.2 लाख पौधरोपण किया गया था।
वेदांता इस वर्ष के प्रारंभ में स्वेच्छा से कार्बन-तटस्थता की ओर बढ़ने का संकल्प लेने के बाद, 2050 तक अपने परिचालन को काफी हद तक डीकार्बोनाइज करने के लिए प्रतिबद्ध है। वेदांता ने समूह को संचालन के कम कार्बन-गहन एवं कंपनी की जलवायु रणनीति पर शीर्ष निकाय में सहायता हेतु कार्बन फोरम का पुनर्गठन किया है। वेदांता का प्रभावी जल प्रबंधन पर भी ध्यान केंद्रित है और पिछले तीन वर्षों में 7.5 मिलियन क्यूबिक मीटर पानी की बचत की है।