पेसिफिक विश्वविद्यालय, उदयपुर एवं भारतीय लेखा परिषद, उदयपुर शाखा के संयुक्त तत्वाधान में” व्यापार के वर्तमान परीपेक्ष में आईपीआर ” विषय पर दो दिवसीय राष्ट्रीय संगोष्ठी का आयोजन हुआ।
उद्घाटन सत्र के मुख्य अतिथि भारतीय लेखांकन परिषद के राष्ट्रीय अध्यक्ष, प्रो जी सौरल ने परिषद की विभिन्न गतिविधियों के बारे में विस्तार पूर्वक बताया एवं कहा की बौद्धिक क्षमता एवं उसका विकास ही व्यक्ति की वास्तविक संपत्ति है। पेसिफिक विश्वविद्यालय के प्रेसिडेंट प्रो कृष्णकांत दवे ने अपने उद्बोधन में विश्वविद्यालय की ओर से सभी अतिथियों का स्वागत किया। जनार्दन राय नागर राजस्थान विद्यापीठ विश्वविद्यालय के कुलपति एवं भारतीय लेखा परिषद उदयपुर शाखा के चेयरमैन, प्रो एसएस सारंगदेवोत ने व्यापार में निष्पक्ष प्रतिस्पर्धा बनाए रखने के लिए आईपीआर के महत्व को समझाया।
विश्वविद्यालय के डीन पीजी, प्रो हेमंत कोठारी ने कॉपीराइट्स के क्षेत्र में संस्था द्वारा किए गए प्रयासों को श्रोताओं से अवगत कराया ।
उद्घाटन सत्र के मुख्य वक्ता विसलिंग वुड्स संस्था मुम्बई के पटकथा प्रमुख एवं गुलाम, दि लेजंड ऑफ भगत सिंह राजनीति,आदि फिल्मों के जाने-माने पटकथा लेखक अंजुम राजाबली थे ।
उन्होंने बताया कि 2012 क़े पहले, लगभग पिच्यासी प्रतिशत फिल्मों को हानि उठानी पड़ती है, क्योंकि फिल्मकार पटकथा के महत्व को समझ नहीं पाते थे । उन्होंने लेखको को विस्तृत एवं स्पष्ट अधिकार देने पर बल दिया साथ ही कहा कि कॉपीराइट एक्ट में काफी संशोधन हुए हैं, जिसके माध्यम से पटकथा लेखको के बौद्धिक संपदा मे काफी विकास हुआ है। इस दिशा में सिनेमा जगत के पटकथा लेखकों के अधिकार एवं उनके द्वारा सजन की गई भौतिक संपदा के उपयोग की शर्तों का पूर्ण निर्धारण करना चाहिए । कार्यक्रम के विशिष्ट अतिथि पेसिफिक मेडिकल कॉलेज एंड हॉस्पिटल के एग्जीक्यूटिव डायरेक्टर अमन अग्रवाल थे ! इस अवसर पर परिषद के सचिव प्रोफेसर एसएस भाणावत भी मौजूद थे ।
संगोष्ठी के मुख्य समन्वयक, डॉ पुष्पकांत शाकद्वीपीय ने बताया कि संगोष्ठी में कॉपीराइट, ट्रेडमार्क, पेटेंट, आदि विभिन्न आईपीआर सम्बन्धित विषयो के वर्तमान पहलुओं पर देश के ख्यातनाम विशेषज्ञों के छह सत्र रखे गए ।
प्रथम सत्र मे प्रो गणेश हिंगमिरे, चेयरमैन ग्रेट मिशन ग्रुप कंसलटेंसी ने व्यापार एवं उद्योग में इंटेलेक्चुअल प्रॉपर्टी राइट्स के बढ़ते महत्व के बारे में श्रोताओं को अवगत कराया । द्वितीय सत्र मे, डिपार्टमेंट ऑफ एटॉमिक एनर्जी आईपीआर सेल के सदस्य सचिव श्री डेनी रजिहा ने आईपीआर के अंतर्गत आने वाले प्रमुख विषयों के बारे में विस्तार पूर्वक जानकारी दी ।
कार्यक्रम के दूसरे दिन के प्रथम सत्र मे डीआई, एम .एस .एम.ई ,इंदौर के असिस्टेंट डायरेक्टर प्रो निलेश त्रिवेदी ने अपने सत्र में आई.पी.आर से संबंधित सरकार की विभिन्न नीतियों एवं निर्देशों की जानकारी दी|
गवर्नमेंट इंजीनियरिंग कॉलेज उज्जैन के प्रो विजय कुमार सुखवानी ने आईपीआर के संदर्भ में भारतीय एवं वैश्विक स्थिति का तुलनात्मक अध्ययन को प्रस्तुत किया | आई.आई.टी इंदौर की सह आचार्य डॉ रुचि शर्मा ने ज्योग्राफिकल इंडिकेशंस के विभिन्न पहलुओं पर प्रकाश डाला| सीए आलोक गर्ग ने अमूर्त संपत्तियों के संबंध में लेखांकन मानको के बारे में जानकारी दी। कार्यक्रम का संचालन डॉ सुदेश शर्मा एवं करिश्मा डायर ने किया। डॉ पुष्पकांत शाकद्वीपी ने सभी वक्ताओं एवं प्रतिभागियों को धन्यवाद दिया। कार्यक्रम में देश-विदेश के 263 प्रतिभागियों ने हिस्सा लिया।