राजस्थान के प्रसिद्ध चित्रकार, मूर्तिकार एवं कलाशिक्षक डॉ. सुमहेन्द्र के 78वें जन्मदिवस पर उनकी स्मृति में पारंपरिक लघु चित्रण को बढ़ावा देने के उद्देश्य से इस कार्यशाला का आयोजन
जयपुर। राजस्थान की प्रतिष्ठित कला संस्था कलावृत्त द्वारा राजस्थान ललित कला अकादमी के सौजन्य से राष्ट्रीय समसामयिक लघु चित्रण कार्यशाला-द्वितीय का शुभारंभ दो नवम्बर से होगा।
संस्था के अध्यक्ष संदीप सुमहेन्द्र ने बताया कि पिछले वर्ष प्रारम्भ हुई इस कार्यशाला का यह द्वितीय संस्करण है। इसमें चयनित चित्रकार अपने-अपने क्षेत्र की पारंपरिक लघु चित्रण शैलियों की चित्रण तकनीक का अपने चित्रण में समावेश करते हुए अपने आस-पास घटित घटनाओं का चित्रण करेंगें, जिससे नई पीढ़ी के चित्रकारों को देश की विभिन्न लघु चित्रण शैलियों की चित्रण तकनीक को समझने एवं उससे प्रेरणा लेकर अपना सृजन करने की प्रेरणा मिले। श्रेष्ठ चित्रण के लिये राजस्थान के विख्यात चित्रकारों पदम्श्री रामगोपाल विजयवर्गीय जी, पदम्श्री कृपाल सिंह शेखावत जी, कलारत्न श्री पी.एन. चोयल जी, कलागुरु श्री वेदपाल शर्मा ‘बन्नुजी’ एवं प्रो. देवकीनन्दन शर्मा जी सम्मान जिसमें सम्मान-पत्र एवं स्मृति चिन्ह दिया जायेगा।
राजस्थान ललित कला अकादमी के सचिव रजनीश हर्ष ने बताया कि इस कार्यशाला में देश भर से बहुत चित्रकारों ने आवेदन किया जिनमें से चित्रण कार्य के आधार पर चयनसमिति द्वारा 151 चित्रकारों का चयन किया गया। अकादमी राजस्थान की लघु चित्रण शैली के साथ-साथ देश की अन्य लघु चित्रण शैलीयों के उत्थान के लिए सदैव तैयार हैं जो दिन-दिन लुप्त होती जा रही है। मैं सभी चयनित चित्रकारों को बधाई देता हूँ और आशा करता हूँ कि इस बार और भी उत्कृष्ट चित्रण कार्य देखने को मिलेगा।
कलावृत्त के सचिव देवेंद्र सिंह बैस ने जानकारी देते हुए बताया कि इस कार्यशाला में सृजित श्रेष्ठ चित्रों को पुरस्कृत करने के लिए गठित समिति द्वारा निर्णय लिया जाएगा जो श्रेष्ठ पांच चित्रों को पुरस्कार के लिए चयनित करेंगे, शेष चित्रों में से 24 चित्रों का वर्ष 2022 के कैलेंडर के लिए भी चयन किया जाएगा।