उदयपुर। पेसिफिक विश्वविद्यालय के फैकल्टी आॅफ मैनेजमेन्ट में इमोशनल इंटेलिजेंस और लीडरशीप पर दो दिवसीय सर्टिफिकेशन कार्यशाला का आयोजन हुआ। प्रतिस्पर्धा के इस कठिन दौर में कार्यस्थल पर भावनात्मक बुद्धिमता या इमोशनल इंटेलिजेंस का अहम स्थान है। यह वह गुण है जिसकी सहायता से हम अपने पेशेवर जिन्दगी में ज्यादा सफल हो सकते है। इस अवधारणा को ध्यान में रखते हुए इस कार्यालय का आयोजन किया गया।
फैकल्टी आॅफ मैनेजमेन्ट कि डीन, प्रो. महिमा बिड़ला ने बताया कि पेसिफिक में एम.बी.ए. पाठ्यक्रम के अन्तर्गत ऐसी अनेक व्यावहारिक कार्यशालाओं का आयोजन किया जाता रहा है। जिससे छात्र-छात्राओं के अन्दर व्यक्तित्व में निखार आता है तथा उनकी रोजगार योग्यता में वृद्धि होती है। उन्होंने बताया कि यदि छात्रों में स्थिति को स्वीकार करने और ऐसी स्थिति के कारण परेशान होने के बजाय बुद्धिमानी से सोचने के लिए भावनात्मक बुद्धिमत्ता हो तो जीवन खुशहाल होगा।
कार्यशाला के दौरान भावनात्मक बुद्धिमता के विशेषज्ञ एवं मुख्य वक्ता प्रो. दिपिन माथुर ने इमोशनल इंटेलिजेंस का महत्व बताया तथा यह भी बताया कि एम्प्लाॅइज को मोटिवेट करने और उनकी कार्य संतुष्टि में सुधार करने के लिए कम्पनियों को इमोशनल इंटेलीजेंस का उपयोग शुरू कर दिया है। जिसमें प्रमुख पहलुओं का ज्ञान प्रदान कर एक व्यक्ति के जीवन में भावनात्मक बुद्धिमत्ता के महत्व के बारे में बताया।
कार्यक्रम संयोजक डा. कुलविन्दर कौर ने जानकारी दी कि आईक्यु मनुष्य की ऊर्जा को एक दिशा में केंन्द्रित करने का शक्तिशाली तरीका है। उन्होंने यह भी बताया कि इस तरह की कार्यशाला युवाओं के व्यक्तिगत विकास और कौशल को प्रोत्साहित करने का कार्य कर रहा है। कार्यशाला में 100 से अधिक छात्रों ने भाग लिया।