उदयपुर। उदयपुर स्थित पेसिफिक विश्वविद्यालय के विज्ञान एवं फार्मेसी संकाय के संयुक्त तत्वाधान में वैज्ञानिक कौशल विकास पर एक विस्तार व्याख्यान का आयोजन किया गया।
इस अवसर पर मोहनलाल सुखाड़िया विश्वविद्यालय उदयपुर के विज्ञान संकाय के पूर्व अधिष्ठाता एवं वनस्पति शास्त्र एवं जैव प्रौद्योगिकी विभागों के पूर्व अध्यक्ष प्रोफेसर सुनील दत्त पुरोहित ने विज्ञान चेतना एवं वैज्ञानिक कौशल विकास के विभिन्न आयामों पर चर्चा की। प्रोफेसर पुरोहित नें व्याख्यान के दौरान बताया कि विज्ञान के क्षेत्र में सफल होने के लिए हमें हमारी वर्तमान शिक्षण पद्दति में बदलाव लाना होगा। हमें शिक्षण एवं सीखने में भेद करना होगा। उन्होंने बताया कि वैज्ञानिक कौशल विकास के लिए छात्रों में तार्किक क्षमता, भिन्न सोच एवं जिज्ञासा पर बल देना होगा। प्रोफेसर पुरोहित ने पूर्व में वैज्ञानिकों द्वारा किये गए महत्वपूर्ण आविष्कारों के उदहारण देते हुए बताया कि सावधानी पूर्वक अवलोकन, प्रयोग आधारित सत्यापन और दृढ निश्चय के कारण ही वो महान आविष्कारक बन पाए। छात्रों को सम्बोधित करते हुए उन्होंने कहा कि सभी में महान बनने कि भरपूर सम्भावना है लेकिन हमें हमारे सीखने के तरीकों को बदलना होगा। अंत में उन्होंने छात्रों का आहृान किया कि वो अपने में प्रश्न पूछने कि आदत पैदा करें ताकि उनके उपयुक्त उत्तर खोजे जा सकें। यही अभिरुचि उन्हें एक महान आविष्कारक बना सकती है। कार्यक्रम आयोजन समिति के अध्यक्ष एवं विश्वविद्यालय के अधिष्ठाता स्नातकोत्तर अध्ययन प्रोफेसर हेमंत कोठारी ने बताया कि विज्ञान के प्रति छात्रों में अभिरुचि जागृत करने एवं विज्ञान के विभिन्न विषयों के पठन.पाठन एवं अनुसंधान में उत्कृष्टता प्राप्त करने के उद्देश्य से इस व्याख्यान का आयोजन किया गया। डॉण् जयेश द्विवेदी अधिष्ठाता फार्मेसी संकाय, तथा प्रोफेसर रामेश्वर आमेटा ने वैज्ञानिक अभिरूचि विकसित एवं विश्लेषित करने के तरीकों एवं दृष्टिकोण के विभिन्न आयामों पर अपने विचार प्रस्तुत कियें। तत्पश्चात डॉ. राखी मेहता विभागाध्यक्ष वनस्पति शास्त्रद्ध ने मुख्य वक्ता का संक्षिप्त परिचय दिया कार्यक्रम का संचालन बीएससी तृतीय वर्ष की छात्रा भारती कुमावत एवं सुश्री दीक्षिता राठौड़ द्वारा किया गया। व्याख्यान में विश्वविद्यलय के समस्त विभागाध्यक्ष शैक्षणिक एवं गैर शैक्षणिक कर्मचारीगण तथा छात्रों ने भाग लिया। दीपक व्यास ;कार्यक्रम संयोजक, विज्ञान संकाय द्वारा धन्यवाद ज्ञापित किया गया तथा समस्त प्रतिभागियों को प्रमाणपत्र प्रदान किये गए।