राज्यों एवं संघ राज्य क्षेत्रों के विद्युत एवं नवीन एवं नवीनीकरण ऊर्जा मंत्रियों का दो दिवसीय सम्मेलन शुरू
उदयपुर। केंद्रीय ऊर्जा मंत्री आर.के सिंह ने कहा कि ऊर्जा के क्षेत्र में मांग की तुलना में अधिक उर्जा उत्पादन होने से भारत की आर्थिक स्थिति में काफी सुधार हुआ है। भारत जहंा कुछ वर्ष पूर्व उर्जा का आयात करता था वहीं अब भारत अब उर्जा का निर्यात करने लगा है। हमारा प्रयास है कि हम सस्ती बिजली उपभोक्ताओं को दिलाने का मार्ग लगातार प्रशस्त कर रहे हैं। हमारा देश जलवायु संवर्धन संबंधी चुनौतियों का सामना करने के लिए भी पूरी तरह से तैयार हैं।
वे आज होटल रेडिसन ब्लू में राज्यों एवं संघ राज्य क्षेत्रों के विद्युत एवं नवीन एवं नवीनीकरण ऊर्जा मंत्रियों के आयोजित दो दिवसीय सम्मेलन में मुख्य अतिथि के रूप में बोल रहे थे। सम्मेलन में सभी राज्यों के ऊर्जा मंत्री मंत्रालय से जुड़े सभी अधिकारी एवं सचिव भाग ले रहे हैं।
उन्होंने कहा कि हमनंे ऊर्जा के क्षेत्र में कई लक्ष्य तय किए हैं जो संपूर्णता की ओर अग्रसर है। इस समय दुनिया का सबसे बड़ा ग्रिड भारत में है। हमने दूरदराज के ग्रामीण क्षेत्रों घरों में बिजली पहुंचाने का भरपूर प्रयास किया लेकिन अभी भी कई मजरे और गांव घर ऐसे हैं जहां पर बिजली पर्याप्त मात्रा में नहीं पहुंची है लेकिन हम किसी भी घर को छोड़ेंगे नहीं, हमारा लक्ष्य है हर घर और हर गांव तक बिजली पंहुचे। हमारी सरकार ने देश के 28.29 बिलियन घरों को बिजली कनेक्शन दिया है जो कि दुनिया के किसी भी देश से सबसे ज्यादा है। इसके बावजूद हमारंे सामने आज भी कई चुनौतियां हैं जिसका हम सामना करते हुए उसका तत्परता से समाधान करने के प्रयास में लगे हुए हैं।
उन्होंने कहा कि हमनंे बिजली क्षेत्र की चुनौतियों का समाधान करने के लिए 2 लाख 4 हजार करोड़ के कार्यों की स्वीकृति प्रदान की है। हमारें से पूर्व की सरकारों का यह हाल था कि वह योजनाओं की स्वीकृति या तो जारी कर देती थी लेकिन उसकी क्लोजर रिपोर्ट कभी सामने नहीं आती थी यह परिस्थितियां अब जीरो है। वर्तमान में ग्रामीण क्षेत्रों में साढे 22 घंटे लगातार बिजली आती है हमारा प्रयास है कि 24 घंटे गांव में बिजली की आपूर्ति होती रहे।
वर्तमान में हमारें सामने कोयला सबसे बड़ी चुनौती बनकर खड़ा हुआ है। अभी हमें प्रतिदिन दो से ढाई लाख टन कोयला आयात करना पड़ रहा है यह आज भी चुनौती बनी हुई है और कल भी हमारें सामने रहेगी लेकिन हम इसका मुकाबला करने में सक्षम है। इन चुनौतियों के बावजूद हमनें हमारे लक्ष्यों की प्राप्ति की है। कई चुनौतियों के चलते पूरी दुनिया में बिजली के दाम बढ़ गए लेकिन हमारे देश में बिजली के दाम स्थिर है, बढाएं नहीं गए और यह पूरी दुनिया के लिए किसी आश्चर्य से कम नहीं है। इसके अलावा हमारे सामनें वायबिलिटी भी एक बड़ी चुनौती के रूप में सामने है। हमने उन सारी चुनौतियों का मुकाबला किया अगर ऐसा नहीं होता तो हमारी स्थिति भी हमारें पड़ोसी देश पाकिस्तान और श्रीलंका जैसी हो जाती, लेकिन हमारे देश में ऊर्जा के क्षेत्र में ऐसा कतई नहीं है। दुनिया में पावर के बिना कुछ नहीं होता। पावर नहीं तो कुछ नहीं। हमारे देश में इसकी दूर-दूर तक कोई संभावना नहीं है। ऊर्जा के क्षेत्र में यह भी एक अच्छी बात है कि हमारी योजनाओं को हर राज्य ने स्वीकार किया। कोई राज्य नहीं चाहता कि हमें इस क्षेत्र में नुकसान हो लेकिन इसमें राज्यों की कोई गलती नहीं होती है। बिजली के क्षेत्र में सभी राज्यों को सीधे ही सब्सिडी की घोषणा करनी चाहिए। राज्य सरकार सब्सिडी देती है लेकिन डिस्ट्रीब्यूशन कंपनियों के पास इसका कोई अकाउंट नहीं होता है। दुनिया के विकसित देशों में चार से पांच परसेंट नुकसान होता है और यही नुकसान हमारें देश में 20 परसेंट तक हुआ करता था लेकिन अब परिस्थितियां भिन्न है। अब हम लॉस को खत्म करने के लिए बिल नहीं तो कनेक्शन नहीं वाली नीति पर काम कर रहे हैं। आने वाले समय में 30000 मेगावाट बिजली उत्पादन लक्ष्य पर कार्य शुरू करेंगे।
हमारे सामने साइबर सिक्योरिटी भी एक बड़ी चुनौती है होगी क्योंकि दुनिया में हमारे दोस्तों की कमी नहीं है। हमारा अगला लक्ष्य हाइड्रो प्रोजेक्ट को प्राथमिकता देना है जिसमें हम हाइड्रो पंप के जरिए बैटरी स्टोरेज करेंगे। बिजली उत्पादकता में हम दुनिया के किस देश से कम नहीं है। बिना पावर के विकास नहीं होता है लेकिन कोस्ट रीजनेबल होनी चाहिए। आज हालत यह है कि पूरी दुनिया में भारत को लेकर चर्चा होती है कि दुनिया बिजली के संकट का सामना कर रही है लेकिन भारत में ऐसा नहीं है।
इस सम्मेलन की रूप रेखा के बारे में जानकारी देते हुए केन्द्रीय उर्जा सचिव आलोक कुमार ने अपने स्वागत उद्बोधन में कहा कि सम्मेलन में ऊर्जा के क्षेत्र में आ रही वर्तमान चुनौतियों एवं भविष्य में आने वाली चुनौतियों के बारे में गंभीरता से मंथन किया जाएगा। हमारी पावर सप्लाई को सुरक्षित करने एवं भविष्य में आने वाले नए टेक्नोलॉजी के बारंे में सभी से सुझाव आमंत्रित किए जाएंगे।
केन्द्रीय ऊर्जा राज्यमंत्री कृष्णपाल गुर्जर ने कहा कि हमारे देश में बिजली के क्षेत्र में काफी काम हुआ है और हमारा लक्ष्य सस्तंे दरों पर बिजली उपलब्ध कराना है। जलवायु संवर्धन संबंधित चुनौतियों का सामना करने के लिए भी हम पूरी तरह से तैयार हैं। हमारा देश दुनिया में सबसे ज्यादा बिजली सप्लाई करने वाले देशों में शामिल है दुनिया का सबसे बड़ा ग्रिड स्टेशन भी हमने भारत में बनाया है। अभी तक प्रत्येक जिलों के 1000 गांव को बिजली देने का कार्य पूर्ण हो चुका है और यह कार्य अनवरत जारी है अभी 967 जिलों में यह लक्ष्य हासिल किया जा चुका है, यानी इसी वर्ष के अंत तक हमारा देश दुनिया में सबसे ज्यादा ऊर्जा क्षमता वाला देश बन जाएगा। हम ऊर्जा वितरण क्षेत्र में सुधारों की तरफ गंभीरता से ध्यान दे रहे हैं। मेरा देश दुनिया में सबसे ज्यादा बिजली सप्लाई करने वाले देशों में शामिल है। दुनिया का सबसे बड़ा ग्रिड स्टेशन भी भारत में है। कई गांव में अभी तक बिजली नहीं पहुंची थी तो हमने प्रत्येक जिले के 1000 गांव में बिजली देने का लक्ष्य हासिल किया। हमारा अगला लक्ष्य सौर ऊर्जा को बढ़ावा देने का है।
प्रेस वार्ता – इस कार्यक्रम के बाद केंद्रीय ऊर्जा मंत्री प्रेस वार्ता कर आयोजन के बारे में जानकारी दी कि हम किस तरह से ऊर्जा के क्षेत्र में आत्मनिर्भर बनने जा रहे हैं। हमने ऊर्जा के क्षेत्र में कई बदलाव किए हैं और मूलभूत परिवर्तन लाए हैं। हमने हर घर को कनेक्शन दिया है। दूरदराज ग्रामीण इलाकों में कोई घर ना छोड़ा है ना छोड़ेंगे लेकिन अभी भी यह लक्ष्य अधूरा है जिसे शीघ्र प्राप्त करने के प्रयास किए जा रहे हैं। इतना बड़ा काम दुनिया के किसी भी देश में अब तक नहीं हुआ है। ऊर्जा के क्षेत्र में पूरे सिस्टम को आधुनिक करने का काम कर रहे हैं।
प्रदेश के ऊर्जा मंत्री भंवर सिंह भाटी पहुंचे ऊर्जा मंत्रियों के सम्मेलन में- प्रदेश के उर्जा मंत्री भवंरसिंह भाटी ने कहा कि किसी भी योजना के क्रियान्वयन में राज्य की बड़ी जिम्मेदारी है। राजस्थान की भौगोलिक स्थिति को देखते हुए सोलर की अपार संभावनाएं है और सीएम अशोक गहलोत इस दिशा में निरंतर प्रयास कर रहे हैं, राजस्थान सोलर एनर्जी को लेकर देश में प्रथम राज्य बन गया है। निवेशकों के लिए राजस्थान के दरवाजे हमेशा खुले हुए , सीएम राजस्थान में सोलर इंडस्ट्री को बहाव देने के लिए निरंतर कार्य कर रहे
भाटी ने केंद्रीय कोयला मंत्री से की है मांग कि राजस्थान को जरूरत के मुताबिक कोयला मिलें। राजस्थान की भौगोलिक स्थितियों को देखते हुए कोयले को लेकर अलग से पैकेज दिया जाए। उन्होंने कहा कि कुसुम योजना के तहत बैंकों से ऋण देने में संवेदनशीलता बरती जाएं।