विश्व खाद्य दिवस के अवसर पर पेसिफिक विश्वविद्यालय के संगटक कृषि महाविद्यालय में तीन दिवसीय कार्यक्रम का आयोजन किया जा रहा हैं | इस अवसर पर वृहद प्रदर्शनी भी लगाई गई जिसमें विद्यार्थियों द्वारा बनाए गए विभिन्न पेम्पलेट, पोस्टर एवं मॉडल्स को प्रदर्शित किया गया।
प्रदर्शनी का उद्घाटन, कार्यक्रम के मुख्य अतिथि प्रो. केके दवे कुलपति, पेसिफिक युनिवर्सिटी द्वारा किया गया। छात्रों को संबोधित करते हुए उन्होंने बताया कि यह दिवस भूख, कुपोषण, खाद्य स्थिरता एवं खाद्य उत्पादन हेतु जागरूकता बढ़ाने के लिए मनाया जाता हैं । पेसिफिक कृषि महाविद्यालय में हो रहे विकास एवं उसमें विद्यार्थियों की भागीदारी की सराहना करते हुए उन्होंने कहा कि छात्र कृषि को जीवन यापन का स्रोत ही ना बनाएं अपितु कृषि आधारित रोजगार के सशक्त माध्यम बने।
अपने उद्बोधन में डीन प्रोफेसर एस.आर. मालू ने छात्रों को भोजन की उपयोगिता बताते हुए कहा कि हमें भोजन को व्यर्थ नहीं करना चाहिए जिससे सभी को पर्याप्त और पौष्टिक भोजन उपलब्ध हो तथा कोई भूखा ना रहे । बेहतर उत्पादन, बेहतर पोषण, बेहतर पर्यावरण और बेहतर जीवन के लक्ष्य से, हम कृषि खाद्य प्रणालियों को बदल सकते हैं और टिकाऊ और समग्र समाधानों को लागू करके बेहतर निर्माण कर सकते हैं जो दीर्घकालिक विकास, समावेशी आर्थिक विकास और अधिक लचीलापन पर विचार करते हैं। इस दौरान उन्होंने छात्रों को भारतीय विश्व खाद्य पुरस्कार प्राप्त वैज्ञानिकों के योगदान का उल्लेख किया। उन्होंने बताया कि यह दिन भारत के सुरक्षित भोजन और स्वास्थ्य के साथ कृषि के महत्व को भी दर्शाता है। इस अवसर पर छात्रों ने ग्रामीण कृषि कार्य अनुभव (RAWE) में किये गए विभिन्न कार्यों पर प्रस्तुतीकरण किया | अंत में प्रोफेसर जी.एल. शर्मा ने धन्यवाद ज्ञापित किया । कार्यक्रम का संचालन डॉ. मोनिका जैन द्वारा किया गया । इस अवसर पर डॉ. शिप्रा पालीवाल, रमेश पारीख एवं गणमान्य व्यक्ति उपस्थित थे |