उदयपुर। पेसिफिक कॉलेज ऑफ टीचर्स एजुकेशन एवं फेवीक्रिल की ओर से बीएड के विद्यार्थियों के लिए कार्यशाला का आयोजन किया गया भारतीय लोक कलाओं पर आधारित इस कार्यषाला में फेवीक्रिल की एक्सपर्ट टीचर डॉ. राहिला घोड़च द्वारा कलमकारी, पट्टचित्रकला एवं गोण्ड कला की बारीकियों को सिखाया गया।
इस दौरान डॉ. राहिला ने बताया कि वर्तमान में गोण्ड कला, कलमकारी, पट्टचित्रकला के मूल स्वरूप का लोगों के मस्तिष्क से विस्मरण होता जा रहा है। इन विविध कलाओं में पटचित्रकला में कृष्ण लीलाएं, कलमकारी में बारीक चित्रकारी, गोण्ड कला में जीव-जन्तु एवं प्राकृतिक सौन्दर्य को रंगों के उपयोग द्वारा केनवास पर कैसे उतारा जाये आदि के बारे में विस्तृत तौर पर विद्यार्थियों को बताया गया। इस कार्यशाला में 30 से अधिक विधार्थीयों ने भाग लिया एवं इन कलाओं की बारीकियों की जानकारी ली।
इस अवसर पर पेसिफिक ग्रुप के चेयरमेन राहुल अग्रवाल ने कहा कि ऐसी कार्यशालाएं इन लुप्त होती कलाओं को बचाने में महती उपयोगिता सिद्ध हो रही हैं। इस अवसर पर बी.एड. कॉलेज के डॉयरेक्टर डॉ. खेलशंकर व्यास, विभागाध्यक्ष डॉ. कपिलेश तिवारी, असिस्टेंट प्रोफेसर डॉ. अंजलि दशोरा एवं डॉ. शीला साल्वी मौजूद रही।