ब्याजखोर अजीतसिंह से परेशान लोगों ने लगायी गुहार
उदयपुर। शहर में पिछले कई वर्षो से जरूरतमंद लोगों का पता लगाकर उन्हें आवश्यक ध्यान उपलब्ध कराकर उनसे खाली स्टाफप पर हस्ताक्षर, चैक सहित अन्य दस्तावेज लेकर उन्हें बेलगाम ब्याजदर पर रकम उधार देने का कार्य करने वाले हिरणमगरी से. 11 निवासी अजीतसिंह पुत्र. बजलवन्तसिंह के चुंगल में फंस मूल रकम से कई गुना अधिक रकम देने के बावजूद वे उससे छुटकारा नहीं ले पा रहे है। इसमें फरियादियों ने पुलिस पर अजीतसिंह से मिलीभगत का आरोप लगाया है कि प्राथमिकी दर्ज होने के सवा माह बीत जाने के बावजूद पुलिस उसे गिरफ्तार नहीं कर पायी है।
अजीतसिंह से परेशान लोगों में भूरीलाल शर्मा, विकास नलवाया, पूरण जोशी, गिरधारीलाल चौधरी, नवीन सरूपरिया ने संयुक्त रूप से आयोजित प्रेस वार्ता में बताया कि अजीतसिंह ने नवीन सरूपरिया को 50 लाख रूपयें वर्ष 2014 में उधार दिये थे और नवीन ने 2015 में 2 बार में उक्त रकम चुका दी थी। नवीन सरूपरिया ने रॉयल राजविलास निवासी विपुल कौशिक से पंवचटी में एक प्लॉट खरीदने का सौदा किया तो अजीतसिंह ने विपूल कौशिक का अनरजिस्टर्ड एग्रीमेन्ट बनाकर मुझ पर कोर्ट एवं पुलिस केस का दबाव बनाकर 3 करोड़ 80 लाख का एग्रीमेन्ट करवा दिया। अजीतसिंह ने 2021 में पुलिस के साथ मिलकर मुझ पर दबाव बनाकर लिखापड़ी कराकर एग्रीमेन्ट और चैक ले लिये। अजीतसिंह ने कुछ समय पूर्व पुलिस के साथ मिलकर मुझे धमकाया और जेल में डलवानें की धमकी दी। नवीन ने आरोप लगाया कि अजीतसिंह और पुलिस आपस में मिली हुई है और अजीतसिंह हर माह पुलिस को मंथली देने का दावा करता है।
गिरधारीलाल चौधरी ने बताया कि अजीतसिंह बाजार में ऐसे लोगों का पता लगाता है जिसे पैसों की काफी जरूरत है। मुझे अपने कारोबार के लिये समय-समय पर पैसों की जरूरत होती थी। ऐसे में अजीतसिंह ने मुझसे सम्पर्क किया और मैनें 25 व 20 लाख रूपयें उधार लिये। जिसके एवज में अजीतसिंह ने प्रति एक लाख पर 600 रूपयंे प्रति 15 दिन ब्याज लेने की शर्त पर उक्त रकम उधार दी। इसके एवज में उसने मेरे,पत्नी, पुत्रों के खाली स्टाम्प व खाली चैक लेने की मांग की। इस पर उसने उनका दुरूपयोग न करने की बात का विश्वास दिलानें पर मैनें हस्ताक्षरयुक्त खाली चैक दे दिये।
मैनें जो उसे 45 लाख रूपयें की रकम समय समय पर उसे व उसके पुत्रों को अदा कर दीजिसे सबूत भी मेरे पास है लेकिन अजीतसिंह ने वह पूरी 45 लाख की रकम ब्याज में गिनते हुए पूरी मूल रकम बकाया निकाल रहा है और मेरे द्वारा दिये गये खाली स्टाम्प व चैक का दुरूपयोग करने की धमकी दी जा रही है।
पूरण जोशी ने बताया कि उसने अजीतसिंह से ढाई लाख रूपयें उधार लिये और उसे 1 माह में चुका दिये। कुछ समय पश्चात पुनः 15 लाख रूपयें लिये जिसका मैं उसे हर 10 दिन में 2 लाख रूपयें ब्याज देता रहा। कुछ समय पश्चात ब्याज जोड़ कर 15 लाख की मूज राशि का उसे भुगतान कर दिया लेकिन उसने 15 लाख पर 85 लाख ब्याज जोड़ कर रकम अदा करने की बामत की। यह ब्याज 30 प्रतिशत प्रति माह थी। यह ब्याज की 85 लाख की रकम मात्र 9 माह की थी। जब यह रकम देने से मना किया तो उसने मुझे धमकाया और कहा कि मैं बड़े-बड़े पुलिसवालों को जनता हूं उन्हें मासिक बंदी देता हूं और उनका पैसा भी मार्केट में चलाता हूं। तुम्हें यह जो रूपया दिया है वह पुलिसवालों का है।
विकास नलवाया ने बताया कि उन्होंने अजीतसिंह से वर्ष 2014 में 20 लाख रूपयें उधार लिये थे उसके बदले में उन्होंने मात्र 2 वर्ष में 82 लाख रूपयंे चुका दिये। अजीतसिंह ने पुलिस का दुरूपयोग करते हुए वर्ष 2018 में मेरे खिलाफ प्राथमिकी दर्ज कराते हुए नया एग्रीमेन्ट करवा दिया जिस कारण मेरा मकान तक बिक गया। उन्होंने अजीतसिंह पर आरोप लगाया कि वह 1 से लेकर 60 प्रतिशत मासिक ब्याज वसलूता है।
भूरीलाल शर्मा ने बताया कि उसने अजीतसिंह से दो बार में 72 लाख रूपयंे उधार लिये थे जिसके एवज में उसने खाली स्टाम्प व हस्ताक्षरशुदा चैक व कागजात पर 2 करोड़़ रूपयंे की लिखा पढ़ी करवा दी, जबकि इस प्रकार की कोई राशि मैंने उससे ली ही नहीं। अजीतसिंह ने मुझे और रूपयों का लालच देकर मेरे पास विभिन्न स्थानों पर पड़ी जमीनों का पहले अन रजिस्टर्ड व बाद में रजिस्टर्ड एग्रीमेन्ट करवा कर उसे हथिया लिया।
इन सभी प्रार्थियों द्वारा दर्ज करवायी गई प्राथमिकी में अजीतसिंह के पुलिस की जबरदस्त मिलीभगत की बात कहीं गयी है। इन सभी ने पुलिस अधीक्षक से गुहार लगायी है कि ऐसे ब्याजखोर माफिया को तुरन्त प्रभाव से गिरफ्तार कर आमजन को राहत पहंुचायें।