जंग से भारत को सालाना जीडीपी का लगभग 5 प्रतिशत नुकसान
उदयपुर। विश्व संक्षारण जागरूकता से पहले, भारत की एकमात्र और दुनिया की सबसे बड़ी एकीकृत जिंक उत्पादक, हिन्दुस्तान जिं़क लिमिटेड, ने जंग और इसके व्यापक प्रभाव के बारे में लोगों को जागरूक करने के लिए अपने अभियान जंग के खिलाफ जिंक के तहत कई प्रभावशाली पहल शुरू कीं। यह अभियान जंग के बारे में जागरूकता है, जो एक महत्वपूर्ण विषय है, जिसकी वजह से भारत को सालाना अपनी जीडीपी का लगभग 5 प्रतिशत नुकसान होता है, जो कि रोके जा सकने वाले नुकसान के रूप में 100 बिलियन डॉलर से अधिक है। जंग, एक प्राकृतिक लेकिन निरंतर प्रक्रिया है, जो नमी, ऑक्सीजन, प्रदूषकों और लवणों के कारण होने वाली रासायनिक और विद्युत रासायनिक प्रतिक्रियाओं के माध्यम से धातुओं को खराब करती है। इससे संरचनात्मक क्षति में तेजी आती है और बुनियादी ढांचे और वाहन बॉडी जैसी प्रमुख संपत्तियों को नुकसान होता है। जिं़क गैल्वनाइजेशन कारगर, स्केलेबल समाधान है जो धातु के जीवन और प्रदर्शन को बढ़ाने वाले सुरक्षात्मक अवरोध का निर्माण कर ऐसे नुकसानों को रोकता है।
अभियान के तहत् दुनिया के सबसे बड़े एकीकृत जिं़क उत्पादक कंपनी ने सहित एक सप्ताह तक सोशल मीडिया आउटरीच, ऑन-ग्राउंड प्रदर्शन और एक राष्ट्रव्यापी उपभोक्ता सर्वेक्षण शुरू किया। कंपनी के प्रयासों का उद्देश्य गैल्वनाइज्ड स्टील के उपयोग को बढ़ावा देने की जानकारी से सार्वजनिक बुनियादी ढांचे और निजी संपत्तियों के लिए दीर्घकालिक, लागत प्रभावी सुरक्षा को बढ़ावा देना है जो कि स्टेनलेस स्टील जैसी महंगी सामग्रियों का सस्ता और , अत्यधिक मजबूत विकल्प है।
ऑटोमोटिव क्षेत्र में ग्राहकों की जागरूकता बढ़ाने के लिए, हिंदुस्तान जिंक ने 21 से 24 अप्रैल तक जिंक सिटी, उदयपुर के प्रमुख स्थानों पर लाइव प्रदर्शन किया, जो कि 2,500 से अधिक वर्षों से जिंक की विरासत वाला शहर है। प्रदर्शन के तहत् एक गैल्वेनाइज्ड और एक गैर-गैल्वेनाइज्ड दो दोपहिया वाहनांे को एक को एक साथ रखा गया था। जिनमें स्पष्ट अंतर था, गैर-गैल्वेनाइज्ड दोपहिया वाहन में जंग दिखाई दे रहा था, जबकि गैल्वेनाइज्ड दोपहिया वाहन जिं़क कोटिंग से सुरक्षित था। इस सार्वजनिक प्रयोग ने लोगो में जिज्ञासा प्रकट की, जिंक-स्मार्ट निर्णयों को बढ़ावा देने के लिए उस समय की प्रतिक्रियाएं कैप्चर की गईं। प्रदर्शन में युवाओं, व्यवसाय मालिकों और आम जनता को लक्षित किया गया था।
इस पहल पर टिप्पणी करते हुए, हिन्दुस्तान जिं़क लिमिटेड के सीईओ अरुण मिश्रा ने कहा कि जंग बुनियादी ढांचे और देश की अर्थव्यवस्था के लिए एक गंभीर खतरा है। हिन्दुस्तान में, हम मानते हैं कि जागरूकता वास्तविक बदलाव की दिशा में पहला कदम है। जबकि निर्माताओं के लिए गैल्वनाइजेशन को अपनाना आवश्यक है, उपभोक्ता भी सही सवाल पूछकर महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं – खासकर जब बात घरों और वाहनों जैसे दीर्घकालिक निवेशों की हो। जंग के खिलाफ जिं़क के माध्यम से, हम उद्योगों और व्यक्तियों को जिंक सुरक्षा के महत्वपूर्ण मूल्य के बारे में शिक्षित करने के लिए प्रतिबद्ध हैं।
हर साल 24 अप्रैल को मनाया जाने वाला विश्व संक्षारण जागरूकता दिवस विश्व संक्षारण संगठन द्वारा जंग की भारी आर्थिक और पर्यावरणीय लागत को उजागर करने के लिए एक पहल है। वैश्विक स्तर पर, जंग के कारण 2.5 ट्रिलियन डॉलर से अधिक का आर्थिक नुकसान होता है, या औद्योगिक देशों के सकल घरेलू उत्पाद का लगभग 3 से 4 प्रतिशत होता है। भारत में 7,800 किलोमीटर की तटरेखा और उच्च आर्द्रता वाले क्षेत्रों में जंग का अधिक खतरा है। हालाँकि, जापान और ऑस्ट्रेलिया जैसे देशों ने अपने जंग से संबंधित सकल घरेलू उत्पाद के नुकसान को केवल 1.5 प्रतिशत तक कम कर दिया है, जिसका मुख्य कारण जिंक-लेपित स्टील का व्यापक उपयोग है। अध्ययनों से पता चलता है कि उचित रोकथाम रणनीतियों के साथ जंग से संबंधित नुकसान के 30 प्रतिशत तक से बचा जा सकता है।
सामाजिक प्रयोग ने इस बात पर प्रकाश डाला कि किस तरह से वाहन के 70 प्रतिशत से अधिक भाग में स्टील होता है, जो बिना सुरक्षा के आसानी से जंग खा जाता है। ऑटोमोटिव क्षेत्र में, भारतीय वाहन निर्माता बॉडी-इन-व्हाइट , वाहन और उसके घटकों के संरचनात्मक ढांचे के लिए जिंक कोटिंग्स को तेजी से अपना रहे हैं। गैल्वनाइज्ड स्टील न केवल मजबूत जंग संरक्षण प्रदान करता है, बल्कि स्थायित्व, सुरक्षा और पुनर्विक्रय मूल्य को भी बढ़ाता है। गैल्वनाइजेशन की लागत वाहन की कीमत के 0.1 प्रतिशत से भी कम होने के कारण, यह कम रखरखाव के माध्यम से एक वर्ष के भीतर अपने आप ही भुगतान कर देता है। कंपनी जंग के प्रभाव पर एक राष्ट्रव्यापी सर्वेक्षण भी कर रही है, खासकर भारत की कठोर जलवायु में। यह पहल उद्योग के विशेषज्ञों को दीर्घकालिक मरम्मत और बुनियादी ढांचे की लागत में कटौती करने के लिए गैल्वनाइज्ड स्टील की आवश्यकता पर जोर देने के लिए एक साथ लाती है।
वेदांता समूह की कंपनी हिन्दुस्तान जिं़क लिमिटेड, दुनिया की सबसे बड़ी एकीकृत जिंक उत्पादक है और वैश्विक स्तर पर शीर्ष 5 चांदी उत्पादकों में से एक है। कंपनी 40 से अधिक देशों को आपूर्ति करती है और भारत में प्राथमिक जिंक बाजार में लगभग 75 प्रतिशत बाजार हिस्सेदारी रखती है। हिन्दुस्तान जिं़क को एसएंडपी ग्लोबल कॉरपोरेट सस्टेनेबिलिटी असेसमेंट 2024 द्वारा लगातार दूसरे वर्ष मेटल और माइनिंग श्रेणी में विश्व की सबसे सस्टेनेबल कंपनी के रूप में मान्यता दी गई है। कंपनी ने इकोजेन भी लॉन्च किया, जो एशिया का पहला कम कार्बन वाला ग्रीन जिंक ब्रांड है, जिसे रिन्यूएबल एनर्जी का उपयोग कर उत्पादित किया जाता है। एनर्जी ट्राजिंशन मेटल कंपनी के रूप में, हिंदुस्तान जिंक सस्टेनेबल भविष्य के लिए आवश्यक महत्वपूर्ण मेटल्स प्रदान कर रहा है।