कंपनी ने अपने महत्वाकांक्षी 2030 एसडीजी लक्ष्यों की भी घोषणा की, जिसमें शुद्ध जल की खपत को 50 प्रतिशत कर करने की प्रतिबद्धता शामिल
उदयपुर। विश्व पर्यावरण दिवस पर भारत की एकमात्र और विश्व की सबसे बड़ी एकीकृत जिंक उत्पादक हिन्दुस्तान जिंक अब 3.3 गुना वाटर पॉजिटिव कंपनी बन गयी है। यह उपलब्धि डीएनवी बिजनेस एश्योरेंस इंडिया प्राइवेट लिमिटेड द्वारा स्वतंत्र रूप से सत्यापित की गई है और 2.41 के पहले प्रमाणित सूचकांक से यह एक बड़ी उपलब्धि है, जो वाटर मैनेजमेंट के प्रति कंपनी की निरंतर प्रतिबद्धता को दर्शाती है। भारत के सबसे अधिक जल संकट वाले क्षेत्रों में से एक, राजस्थान में संचालन करते हुए, हिन्दुस्तान जिं़क ने वाटर पॉजिटिव और जीरो लिक्विड डिस्चार्ज (जेडएलडी) कंपनी के रूप में अपनी स्थिति को मजबूत किया है। स्वच्छ जल और स्वच्छता के संयुक्त राष्ट्र के एसडीजी 6 (स्थायित्व विकास लक्ष्य) के साथ तालमेल बिठाते हुए, कंपनी ने जीरो लिक्विड डिस्चार्ज दृष्टिकोण को अपनाया है। इस प्रक्रिया में पानी और अपशिष्ट का उपचार, पुनर्चक्रण और पुनः उपयोग किया जाता है, जिससे जीरो लिक्विड डिस्चार्ज पूरी तरह से समाप्त हो जाता है और शुद्ध जल पर निर्भरता काफी कम हो जाती है।

विश्व पर्यावरण दिवस पर, हिंदुस्तान जिंक ने अपने महत्वाकांक्षी 2030 सतत विकास लक्ष्यों एसडीजी की भी घोषणा की। इन लक्ष्यों में जलवायु परिवर्तन, जल प्रबंधन, जैव विविधता संरक्षण, जिम्मेदार सोर्सिंग, सर्कुलर इकोनॉमी, कार्यबल विविधता और सामाजिक प्रभाव जैसे विभिन्न विषयगत क्षेत्रों में कई महत्वपूर्ण लक्ष्य शामिल हैं। कंपनी ने 2020 की बेसलाइन से अपने संचालन में शुद्ध जल की खपत को 50 प्रतिशत तक कम करने की प्रतिबद्धता जताई है। यह साझा जलग्रहण क्षेत्र के भीतर समुदायों के लिए शुद्ध पेयजल की उपलब्धता बढ़ाने में भी योगदान देगा। इसके अलावा, कंपनी ने अपने स्मेल्टर्स के संचालन के लिए 100 प्रतिशत कम गुणवत्ता वाले पानी को सुरक्षित करने का भी संकल्प लिया है।
इस अवसर पर हिन्दुस्तान जिंक लिमिटेड की चेयरपर्सन प्रिया अग्रवाल हेब्बर ने कहा कि, विश्व की सबसे सस्टेनेबल मेटल और माइनिंग कंपनी के रूप में, हम मानते हैं कि पानी सिर्फ एक संसाधन नहीं है – यह एक साझा विरासत है और सतत विकास का एक महत्वपूर्ण प्रवर्तक है। आज, 3.32 गुना वाॅटर पाॅजिटिव कंपनी के रूप में, हमें गर्व है कि हम सक्रिय रूप से जल स्रोतों को फिर से भर रहे है, पारिस्थितिक तंत्र को बहाल कर रहे हैं और हमारे आसपास के समुदायों के लिए दीर्घकालिक मजबूती बना रहे हैं। हमारे संचालन के हर पहलू में जिम्मेदार वाॅटर मैनेजमेंट को एकीकृत करके, हम न केवल इस महत्वपूर्ण संसाधन की सुरक्षा कर रहे हैं, बल्कि जल-तनाव वाले क्षेत्रों में सस्टेनेबल माइनिंग के लिए एक बेंचमार्क भी स्थापित कर रहे हैं। हमारे सतत विकास लक्ष्य 2030 के साथ, हम सस्टेनेबल व्यावसायिक प्रथाओं के माध्यम से दीर्घकालिक मूल्य बनाने की अपनी प्रतिज्ञा को मजबूत कर रहे हैं जो सभी के लिए मजबूत भविष्य को आकार देते हैं।
इस साल की शुरुआत में, कंपनी ने रामपुरा आगुचा,राजस्थान में 4 हज़ार किलोलीटर प्रति दिन (केएलडी) जीरो लिक्विड डिस्चार्ज प्लांट का उद्घाटन किया, जो दुनिया के सबसे बड़े भूमिगत जिंक खनन कार्यों का कंेद्र है। जिंक स्मेल्टर देबारी, दरीबा स्मेल्टिंग कॉम्प्लेक्स, चंदेरिया लेड जिंक स्मेल्टर और जावर ग्रुप ऑफ माइंस में मौजूदा जेडएलडी प्लांट्स के साथ, यह नई सुविधा राजस्थान में कंपनी के सभी इकाईयों के संचालन में जिम्मेदार वाॅटर मैनेजमेंट न के दृष्टिकोण को आगे बढ़ाती है।
जिम्मेदार और सस्टेनेबल मेन्यूफेक्चरिंग के अपने दृष्टिकोण को आगे बढ़ाते हुए, हिंदुस्तान जिंक ने वित्त वर्ष 25 में अपनी कुल बिजली का लगभग 13 प्रतिशत रिन्यूएबल ऊर्जा स्रोतों से प्राप्त कर एक बड़ी उपलब्धि हासिल की है। यह 2050 तक या उससे पहले नेट जीरो, शून्य कार्बन उत्सर्जन हासिल करने के कंपनी के दीर्घकालिक लक्ष्य की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है। हिन्दुस्तान जिं़क ने 530 मेगावाट तक चैबीसों घंटे रिन्यूएबल एनर्जी के लिए बिजली खरीद एमओयू पर भी हस्ताक्षर किए हैं, जिससे उसकी कुल बिजली जरूरत में रिन्यूएबल एनर्जी का योगदान 70 प्रतिशत से अधिक हो गया है। कंपनी अपने कैप्टिव पावर प्लांट्स में सभी टर्बाइन के पुनरुद्धार, सेलहाउस दक्षता में सुधार, सभी ऑपरेशनों में वेरिएबल फ्रीक्वेंसी ड्राइव की स्थापना और वैकल्पिक ईंधन स्रोतों पर स्विच करने जैसी नई ऊर्जा दक्षता परियोजनाओं में लगातार निवेश कर रही है, जिससे ऊर्जा की बचत हो रही है और उसकी पूरी मूल्य श्रृंखला में कार्बन उत्सर्जन कम हो रहा है।
विश्व पर्यावरण दिवस के उपलक्ष्य में, हिन्दुस्तान जिं़क ने बड़े पैमाने पर वृक्षारोपण अभियान शुरू किया और अपनी व्यावसायिक इकाइयों में 1.5 लाख से अधिक पौधे लगाने का संकल्प लिया, जिससे संचालन और उसके बाहर भी पर्यावरण संरक्षण को बढ़ावा देने की उसकी प्रतिबद्धता मजबूत हुई है। कंपनी ने पर्यावरण प्रश्नोत्तरी, पौध वितरण और अपशिष्ट से धन, संसाधन पुनरुद्धार चुनौती, पर्यावरण अनुकूल क्रिकेट टूर्नामेंट जैसी आकर्षक गतिविधियों की सप्ताह भर तक चलने वाली श्रृंखला का आयोजन किया, जिसका उद्देश्य अपने परिचालन क्षेत्रों में अपने हितधारकों के बीच पर्यावरण जागरूकता और कार्रवाई को बढ़ावा देना था। पिछले साल की शुरुआत में, हिन्दुस्तान जिं़क को रिन्यूएबल एनर्जी की पहली सप्लाई मिलनी शुरू हुई, जिसका उपयोग एशिया के पहले कम कार्बन वाले ग्रीन जिंक – इकोजेन के उत्पादन में किया गया था। कंपनी के लिए ऊर्जा के पारंपरिक स्रोतों पर निर्भरता कम करना एक रणनीतिक जरूरत है, जिससे हर प्रक्रिया चरण में कार्बन उत्सर्जन कम हो।
उल्लेखनीय है कि हिन्दुस्तान जिंक मेटल और माइनिंग क्षेत्र में पहली भारतीय कंपनी है जिसने महत्वाकांक्षी 1.5 डिग्री सेल्सियस ग्लोबल वार्मिंग सीमा के साथ संरेखित, मान्य विज्ञान आधारित लक्ष्य पहल (एसबीटीआई) लक्ष्य हासिल किए हैं। स्थिरता के प्रति अपनी मजबूत प्रतिबद्धता को और मजबूत करते हुए, कंपनी का व्यापक उत्पाद पोर्टफोलियो पर्यावरण उत्पाद घोषणा (ईपीडी) सत्यापित है, जिससे उत्पाद के पर्यावरण प्रभाव पर तुलनीय डेटा उपलब्ध होता है। कंपनी को जल सुरक्षा और जलवायु परिवर्तन में अपने अनुकरणीय प्रयासों के लिए कार्बन डिस्क्लोजर प्रोजेक्ट (सीडीपी) से प्रतिष्ठित लीडरशिप बैंड (ए-) पदनाम भी मिला है।