रोडवेज ने निशुल्क पहुंचाया बहनों को
उदयपुर। भाई बहन का पर्व रक्षाबंधन गुरुवार को धूमधाम से मनाया गया। रोडवेज बसों में भी राज्य सरकार की महिलाओं के लिए निशुल्क यात्रा का लाभ लेने महिलाओं का समूह उमड़ा।
सुबह से बाजारों में भीड़ रही। अलसुबह ग्रामीणों की आवक-जावक शुरू हो गई। सूरजपोल व धानमंडी में सुबह 7 बजे से दुकानें खुल गईं थी। क्या राखी के काउंटर, क्या मिठाई की दुकानें और श्रीफल की बिक्री…। आज तो हर तरफ इन्हीं। का दिन था। बच्चों की जिद भी देखते ही बनती थी। टेडी बीयर की राखी या कार्टून वाली राखी। राखी बांधने का भी बच्चों में काफी उत्साह रहा। उधर राज्य सरकार की रक्षा बंधन पर महिलाओं को निशुल्क। यात्रा की योजना के तहत महिलाओं ने रोडवेज बसों में निशुल्क यात्रा की।
कुंकुंम अक्षत श्रीफल, मंगल रक्षाबंधन..। इस शब्द का अर्थ कर तारक गुरु ग्रंथालय से उदयपुर न्यूज को मुनिश्री ने भेजा है जिसे हम यहां यूं का यूं प्रसारित कर रहे हैं।
कुं – कुंज आनंद का खिलाओ दिल के उपवन में।
कु – कुसुम स्नेह को बनाओ अपने जीवन में।
म – मन की असीम शक्ति लगाओ पढ़ने में।
अ – अमृत बांटों स्नेह का रखकर उज्जवल भाव दिल में।
क्ष – क्षय करों दुर्गुणों को, क्रोध का नाश करो।
त – तल्लीन हो जाओ देश व समाज की सेवा में।
श्री – श्रीयश फैले जगत् में ऐसा कुछ काम करो।
फ – फलश्रुति मिले सहकार्यों की, उद्वार बनो।
ल – लक्ष्य बनाओं जीवन का, परोपकार करो।
मं – मंजिल प्राप्त करो अच्छे कार्यों करने पर।
ग – गम को वाणी में प्रकट मत करो।
ल – लगन हो तुम्हें धर्म कार्यों की, सेवा व परोपकार की।
र – रक्षा करो हर बहिन की, यही शुभ संन्देश है।
क्षा – क्षमा करना सीखों।
बं – बंधन में मजबूती रहे, भाई – बहिन के।
ध – धन का भाई कभी का अभिमान मत करना।
न – नमन् करों उनको जिन्होंने रक्षाबंधन का महत्व समझ कर बहिन की रक्षा की।