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udaipur. क्या मंदिर, क्या बाजार और क्या घर.. हर जगह आज जय गणेश.. जय गणेश.. जय गणेश देवा… माता जांकी पारवती.. जयदेव.. जयदेव.. गणपति बप्पा मोरिया.. आदि गीतों की ही गूंज थी। गणेश चतुर्थी पर जहां विभिन्न गणेश मंदिरों में सुबह से पूजा अर्चना हुई वहीं भक्तों की भी लम्बी कतारें लग गईं।
करीब 27 वर्ष बाद बुधवार के ही दिन गणेश चतुर्थी के ऐसे हुए महासंयोग के समंदर में मानों हर कोई डुबकी लगाना चाहता था। कोई भी इस शुभ महासंयोग से बचना नहीं चाहता था। आज वाहनों की भी खासी बिक्री हुई। इनमें दुपहिया सहित चौपहिया वाहन भी शामिल हैं। ज्योतिषी प्रकाश परसाई के अनुसार बुधवार को खासी खरीदारी हुई। बाजारों में भी सुबह से खासी भीड़ रही।
मंदिरों में गणेश प्रतिमाओं की पूजा अर्चना कर भव्य आंगी धराई गई फिर लड्डुओं का भोग लगाया गया। बोहरा गणेशजी मंदिर पर तो मध्यक रात्रि बाद से ही लाइन लग गई थी। मंदिरों पर भव्यय विद्युत सज्जाद की गई वहीं प्रसाद वितरित करने वालों में भी होड़ सी थी। बोहरा गणेशजी मंदिर में कोई सेगारी तो कोई लड्डू वितरित करने में लगा था। यहां शाम को लगे मेले में खासी संख्याक में लोग उमड़ पडे़। डोलर, चकरी भी लगे थे वहीं खाने-पीने के विभिन्ऩ स्टॉल्स भी लगाए गए थे। बोहरा गणेशजी मंदिर में मध्यवरात्रि आरती के बाद सुबह पंचामृत से अभिषेक कर आभूषणों की आंगी धराई गई। हवन व पूजा अर्चना कर दोपहर में महाआरती की गई। शाम 7 बजे भी महाआरती की गई।
दूधिया गणेशजी, पाला गणेशजी, पंचमुखी गणेशजी, जाड़ा गणेशजी, मावा गणेशजी सहित विभिन्नज गणेश देवालयों में सुबह से भक्तोंज की खासी कतार रही। कुछ मोहल्लों में भगवान गणेश की प्रतिमाएं स्थाापित की गई हैं। मंदिरों को आकर्षक तरीके से सजाया गया। आम्रपाल व केले के पत्तों से सजावट की गई।