udaipur. आम तौर पर चित्रकार अपनी पेन्टिग को बनाने के लिए ब्रश, तूलिका या अन्य प्रकार की वस्तुओं का उपयोग करता है लेकिन सिटी पैलेस के जनाना महल में देहरादून की चित्रकार श्रीमती डॅा. सीमा चौधरी व उनके भाई नितिन चौधरी के चित्रों में ब्रश व तूलिका के स्थान पर चाकू के प्रयोग से एक्रेलिक रंगों का उपयोग करते हुए जहां विश्व को संदेश देते भगवान बुद्ध को दर्शाया गया है।
साथ ही इन्होनें महिलाओं की संवेदनशील छवि को बेहतर ढंग से उभारा है। प्रदर्शनी का उद्घाटन न्यासी अरविन्दसिंह मेवाड़ ने किया। प्रदर्शनी उद्घाटन पर एचआरएच ग्रुप ऑफ होटल्स के कार्यकारी अधिकारी लक्ष्यराजसिंह मेवाड़, उनकी माता विजयाराज कुमारी मेवाड़ भी मौजूद थे।
डॉ. चौधरी बताती है कि गत साढ़े तीन वर्षो से व्यावसायिक तौर पर इसे अपनाये हुए है। इनकी पेन्टिग में रियलिस्टिक व कन्टमपरेरी, फेन्टेसी कला का मिश्रण देखने को मिलता है। डॅा. चौधरी अपनी पेन्टिग में महिला की सुन्दरता, उसकी शांत प्रवृत्ति, एकाग्रता,उसका हास्यपन व उसकी भावनाओं को विभिन्न रंगो के संयोजन से जिस प्रकार उकेरा वह देखते ही बनता है। डॅा. चौधरी अपने चित्रों में केनवास व माउण्ट पेपर पर एक्रेलिक रंगो का ही प्रयोग करती है। पेट्रोलियम साइंस में डॅाक्टरेट की उपाधि लेकर इसके बाईप्रोडक्ट पर रिसर्च कर चुकी चौधरी विशेष रूप से ट्रेडिशनल पेन्टिग पर एम्बोस का भी प्रयोग करती है। डॅा. चौधरी की यह दूसरी प्रदर्शनी है इससे पूर्व वे उदयपुर में ही हिलटोप होटल में लगा चुकी है। अगले माह जयपुर में प्रदर्शनी लगाने की योजना है।
नितिन चौधरी पेशे से सोफ्टवेयर इंजिनियर है लेकिन वे इसे शैकिया तौर पर अपनाते हुए इस कला को आगे ले जा रहे है। ये अपनी पेन्टिग में मुख्य रूप से भगवान बुद्ध की विभिन्न अदाओं एंव विधाओं का उपयोग करते है। इनकी चित्रों में आध्यात्मिक पुट के साथ-साथ मनुष्य व भगवान की बीच का संबंध अधिक दिखाई देता है। इनकी पेन्टिग भगवान के प्रति मानवीय सोच को अधिक दर्शाती हुई दिखाई देती है। ये अपनी पेन्टिग में टेक्सचर व ज्योमिट्रिकल कला का अधिक प्रयोग करते है। ज्योमिट्रिकल का एक विशाल विषय है जिस पर काफी काम किया जा सकता है। 40 चित्रों वाली यह प्रदर्शनी 25 सितंबर तक चलेगी।