आचार्य सुकुमालनंदी ने की 5 निर्जल उपवास की साधना
165 तपस्वियों की तप आराधना
udaipur. भौतिकता की चकाचौंध में फंसा जहां आज का युवा दिनभर खाता-पीता रहता है वहीं अगर कोई युवा 32 दिन तक बिना खाये पीये रह जाए तो यह न सिर्फ आश्चार्य बल्कि एक चमत्काईरिक भी प्रतीत होता है, लेकिन ऐसा संभव हुआ आचार्य सुकुमालनंदी की निश्रा में जहां करीब 165 तपस्वियों ने 10, 16 व 32 उपवास किए।
इनमें अधिकतर युवा शामिल हैं। इन सभी का पारणा उत्सपव 29 सितंबर से शुरू होगा। आचार्य सुकुमालनन्दी ने न सिर्फ सबको प्रेरित किया बल्कि स्वयं ने भी निर्जल पांच उपवास किए। आचार्य पांच दिन में निराहार व बिना जल के रहकर भी धार्मिक अनुष्ठानों को सानन्द सम्पादित कराया।
आयोजकों ने दावा किया है कि यह तपस्याि न सिर्फ उदयपुर, राजस्थानन बल्कि देश में पहली बार हो रही है। यह पहला अवसर है जब 165 तपस्वीप एक साथ तपस्या कर रहे हैं। इससे पहले सलूम्बर में आचार्य के सान्निध्य में 150 तपस्वियों ने तप आराधना की थी।
28 सितम्बर : दोपहर 3 बजे आचार्य द्वारा विशाल प्रतिक्रमण के बाद शोभायात्रा निकाली जाएगी।
29 सितम्बर : भारत में सबसे कम उम्र में मुनि दीक्षा लेने वाले आचार्य सुकुमालनंदी के सान्निध्य में प्रात: 6.30 बजे 50 बग्घियों में सभी 165 तपस्वियों की विशाल शोभायात्रा हाथी घोड़ों सहित निकलेगी। उसके बाद 10 बजे सभी तपस्वियों द्वारा सामूहिक पारणा आचार्यश्री के आशीर्वाद व सान्निध्य में होगा। इसके बाद सम्पूर्ण जैन समाज सहित करीब 20000 लोगों का स्वामी वात्सल्य भोज भी होगा।
30 सितम्बर : सुबह 7.30 बजे रथ यात्रा, पालकी, 9 बजे प्रवचन, सभी तपस्वियों का सम्मान, स्वामी वात्सल्य, दोपहर 2 बजे – प्रतिभावान छात्रों का सम्मान
1 अक्टूबर : सुबह 9 बजे 16 व 32 उपवास करने वालों द्वारा सोलह कारण विधान।
2 अक्टूबर : सुबह 7 बजे सभी 16 व 32 उपवासव्रत धारियों की शोभायात्रा। 9.30 बजे सामूहिक पारणा महोत्सूव।