पालकी यात्रा में उमड़े श्रद्धालु
udaipur. क्षमा बडऩ को चाहिए, छोटन को उत्पात क्षमा आत्मा की उपासना है क्षमा हृदय की करूणा है क्षमा सोना है, क्षमा चाँदी है, क्षमा रोगी आत्मा की औषधी है, क्षमा कमजोर व्यक्ति का टानिक है। क्षमा चन्दन की सुगंध है क्षमा ध्यान से भी बढक़र है। क्षमा से तो शैतान भी इंसान बनता है व इंसान भगवान बनता है।
उक्त उद्गार समता शिरोमणी, अध्यात्मक योगी आचार्य सुकुमाल नंदी जी गुरूदेव ने क्षमावाणी पर्व पर सेक्अर 11 स्थित आदिनाथ भवन में आयोजित विशाल धर्म सभा में व्यक्त किये। क्षमावाणी पर्व में आजकल मात्र औपचारिकता ही रह गई है। क्षमा कैसे माँगनी चाहिए यह जानना जरूरी है। फोन से, एसएमएस से या पत्र से मांगी गई क्षमा में भाव भावना नहीं रहती, क्षमा हृदय पूर्वक मांगनी चाहिए और मात्र मित्र वर्ग से ही नहीं अपितु शत्रुओंं से सबसे पहले क्षमा मांगनी चाहिए। क्षमा मांगने वाला और क्षमा करने वाला सदैव महान रहता है।
हम सिर्फ मुंह से ही क्षमा नहीं मांगे बल्कि शरीर का रोम रोम पुलकित हो जाय ऐसी क्षमा पश्ïचाताप पूर्वक, वात्सल्य पूर्वक प्रेम और सौहार्द से मांगनी चाहिए। गलती करना मनुष्य की प्रकृति है लेकिन गलती पर गलती करना शैतान की गिनती में आता है। क्षमा वीरों का आभूषण है। साधु की शोभा समता से है भले ही उपद्रवी लोग उन पर उपसर्ग करते रहे लेकिन साधु शत्रु के प्रति भी क्षमा भाव रखते हैं।
इससे पूर्व से. 11 के इहिास में प्रथम बार तेरह पंथी व बीसपंथी मंदिर दोनो की पालकी आचार्य सुकुमाल नंदी जी निर्देशन में निकाल कर एकता का परिचय दिया। शाही कॉपम्लेक्स से प्रारम्भ हुई इस पालकी यात्रा में सैंकड़ों महिला- पुरूषों ने भाग लिया जो विशेष परिधानों से सुसज्जित थे। पालकी यात्रा में दौरान दो बैंड, दो रथ, आचार्य श्री, अष्ट मंगल द्रव्य, मंगल ध्यनि, मंगल ध्वज सहित कई नर-नारी शोभायात्रा में साथ चल रहे थे।
क्षमावाणी पर्व पर आचार्य श्री के पाद प्रक्षालन का सौभाज्य पं. भंवर लाल रांटिया से. 11 ने प्राप्त किया।
सभी ने मिलकर स्वामी वात्सल्य भोज आदिनाथ भवन में किया। प्रवचन का असर लोगों में स तरह पड़ा कि अनेक सालों से चल रहसे मनमुटावों को छोड़ लोगों ने आपस में गले मिले।
अशोक कोठारी, नितिन कोठारी, आशा कोठारी के 10 उपवास के उपलक्ष में माताजी व भाई को वस्त्र भेंट किये गये। प्रमोद चौधरी ने बताया कि 1 अक्टूबर की शाम रात्रि जागरण रखा गया। शाही काम्पलेस में रखा गया है।