udaipur. जल सरंक्षण को लेकर महिलाओं को अब पहले से ज्यादा सक्रिय होना पड़ेगा। महिलाएं अपने परिवार और आसपास के लोगों को जल संरक्षण के लिए जागरुक करें। उन्हें बताए कि जल सरंक्षण की वर्तमान में क्या भूमिका है।
परिवार के सदस्य को व्यर्थ पानी नहीं बहाने दें। यह आह्वान राजस्थान विद्यापीठ के कुलाधिपति एवं भारतीय प्रौढ़ संघ के अध्यक्ष प्रो. भवानी शंकर गर्ग ने किया। वे प्रौढ़ शिक्षा संघ की राजस्थान शाखा व मेवाड़ जनजाति कल्याण सोसायटी के संयुक्त तत्वावधान में बुझड़ा गांव में गुरुवार को जल संरक्षण में महिला की भूमिका विषय पर बतौर मुख्य अतिथि बोल रहे थे। प्रो. गर्ग ने कहा कि पानी अनमोल है। इसके संरक्षण में महिलाओं की भूमिका महत्वपूर्ण।
उन्होंने महिलाओं को पढऩे व जागरुक बनने की आवश्यकता बताई। संगोष्ठ के मुख्य वक्ता के रूप में बोलते हुए उदयपुर झील संरक्षण समिति के अनिल मेहता ने पानी का महत्व, दुर्षित पानी से होने वाली बीमारियों तथा उसके सामान्य, घरेलू एवं व्यवहारिक समाधान बताए। कार्यक्रम की अध्यक्षता सुविवि की महिला अध्ययन केंद्र की पूर्व निदेशक डॉ. विजयलक्ष्मी चौहान ने कहा कि जल संरक्षण के साथ साथ परिवार में प्रेम सौहार्द एवं एकता बनाए रखने में महिलाओं की प्रमुख भूमिका है। इस अवसर पर मेवाड़ जनजाति कल्याण सोसायटी के सचिव दयालाल चौधरी ने रसोई में उपयोग में आने के बाद बेकार जाने वाले पानी के महत्वपूर्ण उपयोग की जानकार दी। कार्यक्रम के प्रारंभ में भारतीय प्रौढ़ शिक्षा संघ के राजस्थान शखा के समन्वयक श्याम सुंदर नंदवाना ने संगोष्ठी के उद्देश्य पर जानकारी दी। अंत में विष्णु पटेल ने धन्यावाद ज्ञापित करते हुए पानी बचाने वाले सिंचाई पद्धतियेां की जानकारी दी। कार्यक्रम संचालन बोहरा गणेश संस्था के सचिव अजिताभ शर्मा ने किया। इसमें सैकड़ों से अधिक महिला व पुरुषों ने हिस्सा लिया।
To empower women let the women speakers step ahead…