बाल श्रमिकों में राजस्थान देश में दूसरे स्थान पर
बाल अधिकारों पर संभाग स्तरीय कार्यशाला
udaipur. राजस्थान राज्य बाल अधिकार संरक्षण आयोग की अध्य्क्ष श्रीमती दीपक कालरा ने कहा कि अफसोस की बात है कि देश में अशिक्षा, गरीबी आदि के कारण प्रतिदिन 5 हजार बच्चों की मृत्यु हो जाती है। बाल श्रमिकों की अधिकता में राजस्थान दूसरे नंबर पर है। इन पर गहन चिन्तन की जरूरत है।
वे आयोग की ओर से जिला परिषद सभागार में बाल अधिकार संरक्षण पर आयोजित कार्यशाला को संबोधित कर रही थीं। उन्होंने बीटी कॉटन व्यवसाय में राज्य से पलायन रोकने के लिये बच्चों को बेहतर शिक्षा, उनके परिवारों के लिए रोजगार के बेहतर स्त्रोत सृजित करने के साथ ही सरकार की विभिन्न कल्याणकारी योजनाओं का लाभ उन्हें दिलाने के प्रभावी प्रयास किये जाने पर भी बल दिया। राजस्थान में प्रति 1000 में से 65 बच्चे प्रतिवर्ष एक वर्ष की आयु से पूर्व मृत्यु को प्राप्त हो जाते हैं।
आयोग अध्यक्ष कालरा ने कहा कि सम्पन्न राष्ट्र की कल्पना को साकार बनाने के लिए हमें बच्चों की बेहतर परवरिश के साथ उन्हें आदर्श पीढी़ के रूप में तैयार करना होगा। उन्होंने बाल अधिकारों के संरक्षण के लिए समाज, परिवार के हर तबके को अपनी नैतिक जिम्मेदारी उठाने की जरूरत बतायी। उन्होंने कहा कि बच्चे को जन्म से लेकर बालिग होने तक के लिए परिवार अभिभावकों की जिम्मेदारी तय करते हुए प्रभावी कानूनी प्रावधान है।
आरंभ में संभागीय आयुक्त डॉ. सुबोध अग्रवाल ने कहा कि उदयपुर क्षेत्र में बाल श्रमिक पलायन की समस्या के निराकरण के लिए जनजाति बहुल जिलों में बीटी कपास कृषि एवं रोजगारोन्मुखी गतिविधियों से बच्चों के परिवारों को जोड़कर आर्थिक सम्बल देने के प्रयास किये जा रहे हैं। जिला कलक्टर विकास एस. भाले ने कहा कि आजीविका, विकास, संरक्षण एवं सहभागिता के आधार पर बाल अधिकारों को संरक्षित किये जाने की जरूरत है। उन्होंने कार्यशाला के बेहतरीन अनुभव लेकर सभी को बाल कल्याण की दिशा में अभिनव प्रयास कर बच्चों का उज्जवल भविष्य तय करने की जरूरत पर बल दिया।
तकनीकी सत्रों में प्रो. शोभा नन्दवाना ने विचार व्यकक्त किए। खुले सत्र में गायत्री संस्थान के लक्ष्मीनारायण पंड्या, आसरा संस्थान के भोजराज सिंह ने सुझाव दिये। आयोग के सदस्यों विश्वंभर, सुदीप गोयल, गोविन्द बेनीवाल एवं नूर मोहम्मद ने भी विविध सत्रों में संभागियों द्वारा उठाए गए मुद्दो के जवाब दिये। कार्यशाला में मुख्य कार्यकारी अधिकारी अबरार अहमद (उदयपुर), एस. एल. पालीवाल (बांसवाडा़) अति. संभागीय आयुक्त प्रज्ञा केवलरमानी, महिला एवं बाल विकास विभाग की उपनिदेशक श्वेएता फगेडिया, अति.पुलिस अधीक्षक कालुराम रावत, संयुक्त श्रम आयुक्त पंतजलि भू सहित कई प्रतिनिधि मौजूद थे।