वेदांता समूह के चेयरमैन ने कहा, मुझे गर्व है राजस्थानी होने पर
सीटीएई के 550 विद्यार्थियों से मिले अग्रवाल
udaipur. कॉलेज ऑफ टेक्नोलॉजी एण्ड इंजीनियरिंग (सीटीएई) के 550 विद्यार्थियों के लिए सुनहरी सुबह आई जब वे विश्व में परचम फहरा रहे राजस्थानी मूल के उद्योगपति अनिल अग्रवाल से मिले। अग्रवाल ने कहा कि बड़ी सोच रखें और कठिन परिश्रम करें। दिल की सुनें लेकिन दिमाग को नजरअंदाज न करें।
अग्रवाल ने कहा कि इस देश का भविष्य काफी हद तक इंजीनियरिंग के विद्यार्थियों पर निर्भर है। भारत में जहां इंजीनिरिंयग अधिकतम वस्तुएं आयात की जाती है, जिस पर सरकार तकरीबन 300 बिलियन डॉलर खर्च करती है, वह सिर्फ भारत के भावी इंजीनियर ही रोक सकते हैं। उन्होंने कहा कि मुझे यकीन है जो सामान हम कई गुना पैसा देकर खरीदते हैं वही सामान बहुत कम खर्च पर हम भारत में बना सकते हैं। उदाहरण के तौर पर उन्होंने सोने के शत प्रतिशत आयात, चांदी के 70 प्रतिशत आयात, ऑयल के 90 प्रतिशत आयात, उर्वरक का 90 प्रतिशत आयात आदि पर जोर दिया। अग्रवाल ने कहा कि छात्रों को मिलकर भारत को आयात पर होने वाले अधिकतम खर्च से राहत दिलानी चाहिए।
उन्होंने कहा कि उद्योग स्थापित करने के लिए भारत श्रेष्ठ स्थान है जहां भरपूर प्राकृतिक संपदा, उच्च कोटि के इंजीनियर, मैनेजमेंट ग्रेज्यूट तथा सभी तरह की योग्यता प्राप्त लोग है। उद्योगों का विकास किसी भी देश के लिए महत्वपूर्ण है। उन्होंने बताया कि बड़े उद्योग ही देश की गरीबी को मिटा सकते हैं तथा अधिक से अधिक रोजगार सर्जन करा सकते हैं। अब समय आ गया है कि आज के नवयुवक अपने भविष्य में अच्छा करने के बारे में सोचें और उसको जीवन में उतारें।
इंजीनियरिग कॉलेज के छात्रों के सवालों का जवाब देते हुए अग्रवाल ने कहा कि उनकी सफलता में उन्होंने अपने दिल की मानी है लेकिन दिमाग के तर्क को भी नजर अंदाज नहीं किया। अग्रवाल ने बताया कि उद्योगपति वह इंसान है जो अधिक से अधिक रिस्क लेते हुए अपने निर्णय, नेतृत्व और आत्मविश्वा स के साथ उद्योग की स्थापना करता है। उन्होंने कहा कि भारत की एकता में विविधता है, परन्तु समानता है। हम सब को मिलकर अधिक से अधिक रोजगार सर्जन कर भारत में गरीबी को जड़ से मिटाना है। अपने आने वाले जीवन के बारे पूछे जाने पर अग्रवाल ने कहा कि मेरे जीवन का एक महत्वपूर्ण लक्ष्य है कि भारत में कोई भी बच्चा कुपोषित ना रहे। अपने संपत्ति में से अधिकतम अंश मैं इन बच्चों की शिक्षा, स्वास्थ्य एवं सुपोषण में लगाना चाहता हूं।
इससे पूर्व छात्रों ने अग्रवाल के आगमन पर खडे़ होकर तालियां बजाकर हार्दिक स्वागत किया। अग्रवाल का वेदान्ता समूह आज विश्वस का सबसे तेज गति से विकसित होने वाले उद्योगों मे से एक है जिसने केवल मात्र 10 वर्षों में 10 कंपनियों का अधिग्रहण किया है तथा धातु के क्षेत्र में भारत में ही नहीं परन्तु विश्वम में अपनी एक अलग पहचान बनाई है ।