शबद कीर्तन से गूंजे गुरुद्वारे
गुरुगोविंद सिंह जयंती पर हुए आयोजन
Udaipur. ‘’सवा लाख से एक लड़ाऊं चिड़ियों सों मैं बाज तड़ऊँ तबे गोबिंदसिंह नाम कहाऊँ’’ कहने वाले सिखों के दसवें व अंतिम गुरु गोविंदसिंह की जयंती हर्षोल्लास से मनाई गई। गुरुद्वारों में सुबह से शबद कीर्तन हुए।
गुरु गोविंदसिंह जयंती के उपलक्ष्य में गुरुद्वारों में चल रहे अखंड पाठ का समापन शुक्रवार सुबह हुआ। इसके बाद प्रसाद वितरित किया गया। फिर रागी जत्थों ने शबद कीर्तन की प्रस्तुति दी। इन्होंने गुरुजी की जीवनी पर व्याजख्यारन दिया। फिर निशान साहिब का चोला बदला गया। फिर लंगर वितरित हुआ। शाम को भी विभिन्न गुरुद्वारों सिख कॉलोनी स्थित सचखण्ड दरबार, शास्त्री सर्किल स्थित गुरुद्वारा सिंघ सभा, सेक्टर 11 स्थित गुरु अरजन दरबार आदि में रागी जत्थों ने शबद कीर्तन किया।
अलख नयन मंदिर की ओर से सचखंड दरबार में नेत्रदान शिविर लगाया गया जिसमें कई लोगों ने अपनी आंखें निशुल्क जांच कराई और नेत्रदान का संकल्प पत्र भरा। यहां 40 लोगों की आंखों की जांच की गई तथा 25 लोगों ने नेत्रदान का संकल्प किया। खालसा पब्लिक स्कूल में विविध खेलकूद स्प र्धाएं हुईं।