Udaipur. सुविवि के कुलपति प्रो. आई. वी. त्रिवेदी ने कहा कि यूजीसी एवं आईसीएसएसआर सहित कई अकादमिक संस्थाओं द्वारा यह अनुभव किया गया है कि युवाओं के चारित्रिक उन्नयन हेतु उन्हें आध्यात्मिक प्रशिक्षण दिया जाना आवश्यक है। श्री रामचन्द्र मिशन ध्यान योग के माध्यम से युवाओं में अध्यात्म का बीजारोपण कर रहा है।
वे रामचन्द्र मिशन, संयुक्त राष्ट्र संघ सूचना केन्द्र भारत एवं भूटान के तत्वावधान में गृहविज्ञान महाविद्यालय में आयोजित अखिल भारतीय निबन्ध लेखन एवं सम्मान समारोह कार्यक्रम के वार्षिक पुरस्कार वितरण समारोह को संबोधित कर रहे थे। विशिष्ट अतिथि गृह विज्ञान महाविद्यालय की अधिष्ठाता प्रो. आरती सांखला ने कहा कि हम सभी जटिल व्यक्तित्व रखते हैं, हम श्रेष्ठ दिखने का मुखौटा लगाए हैं। सहज मार्ग अभ्यास हमें सरल एवं संतुलित जीवन जीने की कला सिखाता है। समारोह में प्रो. ए. के. सांखला अधिष्ठाता डेयरी एवं खाद्य प्रौद्योगिकी महाविद्यालय ने कहा कि हमारे पूर्वजों द्वारा दिए गए संस्कार हमें नैतिक एवं आध्यात्मिक शिक्षा प्रदान करते थे, इन्हें सहेज कर रखना आवश्यसक है। वर्तमान में रामचन्द्र मिशन की निबन्ध लेखन प्रतियोगिता की जानकारी देते हुए भगवान सहाय शर्मा केन्द्र प्रभारी अजमेर ने कहा कि मिशन यूएनडीपी के साथ सार्व भौमिक प्रेम एवं भाईचारे का विकास कर रहा है।
प्रतियोगिता में 19900 संस्थाओं के एक लाख बीस हजार विद्यार्थियों ने भाग लिया। उदयपुर में बाईस संस्थाओं के 450 विद्यार्थियों ने भाग लिया इनमें से श्रुति रावत छात्रा गृहविज्ञान महाविद्यालय ने कांस्य पदक एवं राज्य स्तर पर उच्च स्थान प्राप्त किया एवं 33 विद्यार्थियों को मेरिट सर्टिफिकेट भी प्रदान किये गये। डॉ. राकेश दशोरा प्रशिक्षक एवं केन्द्र प्रभारी उदयपुर केन्द्र ने बताया कि निबन्ध लेखन प्रतियोगिता में उत्कृरष्ट सहयोग करने वाले तीन महाविद्यालय गृह विज्ञान महाविद्यालय, सीटीएई, सामाजिक विज्ञान एवं मानविकी महाविद्यालय तथा विद्यालय स्तर पर एवन सी. सै. स्कूल, राजकीय उच्च माध्यमिक विद्यालय उमरड़ा एवं संत तेरेसा ज्ञानदीप विद्यालय को प्रशस्ति-पत्र एवं ट्रॉफी प्रदान की गई। समारोह में सहज मार्ग पद्धति की जानकारी मुकेश पटेल ने प्रदान की। आभार एवं अभिवादन मोहन बोराणा द्वारा अदा किया गया। कार्यक्रम के अतिथियों को मिशन का साहित्य भेंट कर सम्मानित किया गया। कार्यक्रम में आशु सेठी, जितेन्द्र आंचलिया, डॉ. सुबोध शर्मा, प्रो. आर. एन. मिश्रा, डॉ. उमा ओझा, डॉ. सुभाष शर्मा, अनिल पालीवाल ने सक्रिय सहभागिता की। मिशन के बाल केन्द्र की बेबी रिशिता एवं बेबी साक्षी सहित अन्य बालकों द्वारा सजावट एवं स्वयं सेवा प्रदान की।