जनजागृति से होगा स्वस्थ सुन्दर तथा स्वच्छ समाज का निर्माण
Udaipur. हमें बालिका शिक्षा के साथ साथ अब प्राथमिक स्तर से ही बच्चो के पाठ्यक्रम में स्वच्छ स्वस्थ तथा सुन्दर समाज बनाने हेतु स्वच्छता का प्रयोगक ज्ञान को भी शामिल करना होगा। ये विचार राजस्थान विद्यापीठ के समाज शास्त्र विभाग की और से आयोजित स्वच्छता का समाजशास्त्र विषयक सेमीनार में पद्मभूषण सुलभ आन्दोलन के संस्थापक डॉ. बिन्देश्वर पाठक ने प्रताप नगर स्थित आई टी सभागार में कही।
उन्होंने कहा कि इस विषय को समाज शास्त्र में शामिल करने से ना केवल समाज शास्त्र का विस्तार होगा बल्कि इसमें स्वच्चता सामाजिक वचन जल स्वास्थ्य विज्ञान जन स्वास्थ्य लिंग समाना गरीबे बच्चों के कल्याण और सतत विकास हेतु ज्ञान के सशक्तिकरण से समाज की समस्याओं के समाधान में सहायता मिलेगी।
स्वयं पहल करें : सभापति रजनी डांगी ने अध्यक्षता करते हुए कहा कि हमें स्वच्छ स्वस्थ तथा सुन्दर समाज के निर्माण के लिए स्वयं एवं परिवार से शुरुआत करनी होगी साथ ही इस हेतु एक विशेष जन जागरूकता अभियान भी चलाना होगा।
सीवरेज ट्रीटमेंट प्लांट : डॉ. पाठक ने बताया कि भारत के सात हजार नौ सौ तेंतीस शहरों में से मात्र एक सौ साठ शहरों में ही व्यवस्थित सीवरेज ट्रीटमेंट प्लान है । संसद में शीघ्र ही एक क़ानून पास होने वाला है कि जबरन मल साफ़ करवाने वालों पर आर्थिक दंड के साथ कानूनी कार्यवाही भी होगी। सेमीनार में विशिष्ट अतिथि सज्जनसिंह राणावत तथा प्रो. अमोला पाठक ने भी विचार व्यक्त किए।
कार्यक्रम में विभागाध्यक्ष डॉ. एस के मिश्रा ने कहा कि महाविद्यालयों में स्वच्छ निर्माण हेतु दल विशेष दल गठित किया जाना चाहिए शहरी तथा ग्रामीण क्षेत्रों में उनका अंग बन कर इस कार्यक्रम की जानकारी दे। संचालन डॉ शारदा भट्ट ने किया। सेमीनार में डॉ ललित पांडे, डॉ प्रदीप पंजाबी, एन एस राव, प्रो बी एल फडिया, प्रो गिरीशनाथ माथुर, डॉ सुनीता सिंह, डॉ वी पी शर्मा डॉ अरुण पानेरी डॉ जीवन सिंह खराक्वाल डॉ मनीष श्रीमाली गौरव गर्ग, डॉ हेमेन्द्र चौधरी डॉ दिलीप सिंह डॉ हेम शंकर दाधीच सहित उपस्थित थे।